भ्रष्टाचार में कमी के मामले में भारत की स्थिति में कोई सुधार देखने को मिला है। हालांकि भारत की रैंकिंग सुधरी है लेकिन उसके पॉइंट पिछली बार के समान ही है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की साल 2015 की करप्शन परसेप्शन इंडेक्स के अनुसार 168 देशों में भारत 76वें पायदान पर है। पिछले साल भारत इस लिस्ट में 85वें नंबर पर था। हालांकि उसके पॉइंट में कोई बदलाव नहीं आया है और यह 2014 की ही तरह 38 है। भारत रूस और चीन जैसे देशों से आगे है। वहीं डेनमार्क इस सूची में टॉप पर है।
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 0 से लेकर 100 तक अंक होते हैं। जिस देश को जितने अंक दिए जाते हैं उस देश में उतना ही कम भ्रष्टाचार होता है। इसके अनुसार डेनमार्क दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश हैं। उसके बाद फिनलैंड(90) और स्वीडन(89) की बारी आती है। रिपोर्ट में इस बार 168 देशों को शामिल किया गया है। 2014 में इस सूची में 174 देश थे। भारत का पड़ोसी भूटान इस सूची में 27वें पायदान पर है। वहीं पाकिस्तान ने अपनी स्थिति में सुधार किया है। पाक की रैंकिंग में 3 पॉइंट का सुधार हुआ है।
वहीं अन्य देशो में चीन की रैंक 83 और बांग्लादेश की 139वीं रैंक है। उत्तरी कोरिया और सोमालिया इस सूची में सबसे निचले पायदान पर है। दोनों देशों के आठ अंक है। रैंक देने का आधार- प्रेस की स्वतंत्रता, लोगों के पास बजट खर्च की जानकारी के पहुंचने का स्तर, सत्ता में जनता की हिस्सेदारी और न्यायपालिका की निष्पक्षता है।