भारत में 5G कॉल का पहला सफल परीक्षण गुरुवार ( 19 मई, 2022 ) को हुआ। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने IIT मद्रास में सफलतापूर्वक 5G कॉल की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे नेटवर्क को भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है। इसी माह की शुरुआत में पीएम मोदी ने आईआईटी मद्रास में देश के पहले 5G परीक्षण का उद्घाटन किया था।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा, ”यह पीएम मोदी का विजन है जो हकीकत में तब्‍दील हुआ है। यह उनका ही विजन था कि भारत के पास अपनी 4G, 5G टेक्‍नोलॉजी हो, जो कि भारत में बने और दुनिया उसे इस्‍तेमाल करे।” जानकारी के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्‍युनिकेशन अगले हफ्ते तक यूनियन कैबिनेट को 5G स्‍पेक्‍ट्रम को ऑक्‍शन के लिए भेज देंगे।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने बुधवार ( 18 मई, 2022) को कहा था कि इस साल सितंबर-अक्टूबर तक भारत का खुद का 5जी ढांचा तैयार हो जाएगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में वैष्णव ने कहा कि भारत का स्वदेशी दूरसंचार ढांचा ‘बड़ी आधारभूत प्रौद्योगिकी प्रगति’ का दर्शाता है।

हाल ही में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI- Telecom Regulatory Authority of India) के रजत जयंती समारोह में पीएम मोदी ने कहा था कि अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है। इससे देश में प्रगति होगी और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

दूरसंचार विभाग अगले सप्ताह 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास ले जाने की संभावना है। वर्ष के उत्तरार्ध में अपेक्षित 5G सेवाओं के रोल-आउट, सेवाओं की गुणवत्ता के साथ-साथ नए प्रकार की सेवाओं में एक नया क्षेत्र बनेगा। ट्राई के अध्यक्ष पीडी वाघेला ने कहा कि डिजिटल तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में इस सेवा के आने से परिवर्तन देखने को मिलेगा।