संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत की डिप्लोमैटिक पॉवर का नमूना देखने को मिला। दरअसल भारत को एक बार फिर यूनाइटेड नेशन (UN) की सबसे बड़ी मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट काउंसिल का सदस्य चुन लिया गया है। खास बात ये है कि इस चुनाव में भारत को सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। ह्यूमन राइट काउंसिल के लिए 18 सदस्य देशों का चुनाव किया गया है, जिसमें भारत 188 वोट के साथ सबसे आगे है। यह काउंसिल 1 जनवरी, 2019 से काम करना शुरु करेगी और आगामी 3 साल तक काम करती रहेगी। भारत को एशिया पैसिफिक कैटेगरी में से चुना गया है। भारत के साथ ही इस कैटेगरी से बहरीन, बांग्लादेश, फिजी, फिलीपींस ने भी जीत दर्ज की है।
भारत को मिली इस जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि “हम संयुक्त राष्ट्र में अपने मित्र राष्ट्रों के आभारी हैं, जिन्होंने हमें इतनी बड़ी मात्रा में वोट दिया, जिससे भारत को सभी 18 सदस्यों में से सबसे ज्यादा वोट मिले। संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार संस्था में भारत को मिली यह जीत भारत की वैश्विक तौर पर ताकत को दर्शाती है।” संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार काउंसिल में भारत इससे पहले साल 2011-14 तक और फिर उसके बाद साल 2014-17 तक अपने 2 कार्यकाल पूरे कर चुका है। हालांकि नियमों के चलते भारत लगातार तीसरी बार इस संस्था का सदस्य नहीं बन पाया था। लेकिन एक बार फिर भारत ने इस महत्वपूर्ण संस्था में वापसी कर ली है।
India’s victory today at UN General Assembly during elections to human rights council is reflection of high standing that our country enjoys globally: India’s Ambassador to UN S Akbaruddin on India win seat to Human Rights Council at UN with the highest votes among all candidates pic.twitter.com/GPb8CnZZht
— ANI (@ANI) October 12, 2018
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में ह्यूमन राइट काउंसिल का गठन सबसे पहले साल 2006 में किया गया था। यह संस्था विश्व भर में मानवाधिकारों के मुद्दे देखती है। इस संस्था में कुल 47 सदस्य होते हैं। इस संस्था के चुनाव के लिए इसे 5 विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है। ये क्षेत्र हैं अफ्रीकन स्टेट्स (13 सीटें), एशिया पैसेफिक स्टेट्स (13 सीटें), ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स (6 सीटें), लाटिन अमेरिकन और कैरिबियाई स्टेट्स (8 सीटें) और वेस्टर्न यूरोपियन एंड अदर स्टेट्स (7 सीटें)। माना जा रहा है कि चिली के पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट ह्यूमन राइट्स के नए यूएन हाईकमिशनर बन सकते हैं। वह जॉर्डन के राजदूत जैद राद-अल-हसन की जगह ले सकते हैं।