India-China Border Face-Off: भारत और चीन के बीच लद्दाख से लगी सीमा पर पिछले दो महीने से तनाव जारी है। गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई मुठभेड़ के बाद अब भारतीय सेना चीन को कोई मौका नहीं देना चाहती। हालांकि, सीमा पर निर्माण के जरिए चीन ने अपना आक्रामक रवैया बरकरार रखा है। इसे देखते हुए ही भारत ने अब सीमा पर अपने एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए हैं। इन डिफेंस सिस्टम्स में भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन करने वाले विमानों को मार गिराने की अचूक क्षमता है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने यह डिफेंस सिस्टम उन जगहों पर ही लगाए हैं, जहां हाल ही में चीन ने भारत में घुसपैठ की कोशिशें की हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी जेट्स लगातार एलएसी के पास उड़ान भर रहे हैं। हाल ही में खबर आई थी कि चीन ने पैंगोंग सो के फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके में हेलीपैड बनाने की तैयारियां कर ली हैं। ऐसे में भारतीय सेना अब चीन पर हर तरह से निगरानी कर रही है।

क्या है भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत?: भारतीय सेना का एयर डिफेंस सिस्टम स्वदेशी आकाश मिसाइल, इजराइल की रडार स्पाईडर और सोवियत मूल के पेचोरा और OSA-AK सिस्टम से बना है। इसका निशाना अचूक है और यह फाइटर जेट्स के साथ हेलिकॉप्टर और ड्रोन्स को भी आसानी से गिरा सकता है।

गौरतलब है कि भारत और चीन दोनों ने ही एलएसी पर सैनिकों के साथ हथियार भी जमा कर लिए हैं। खासकर गलवान घाटी में चीनी-भारतीय सेना के बीच हुई मुठभेड़ के बाद। इस घटना में 20 भारतीय जवानों की जान चली गई थी, जबकि चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि, उसकी तरफ से अब तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।

सीमा पर कैसी है भारत की तैयारी: भारत ने अपनी सुरक्षा के मद्देनजर चीन पर नजर रखने के लिए अपने सुखोई-30 MKI विमानों के साथ अपग्रेडेड मिग-29 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इसके अलावा एयरफोर्स अमेरिका से खरीदे गए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर और चिनूक मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर के जरिए ऊंचाई वाले इलाकों पर नजर रख रही है। सीमा पर ही भारतीय सेना ने अमेरिका से खरीदी हुई एम777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपें तैनात की हैं। ये पहाड़ी इलाकों में भी अपने सटीक निशाने के लिए जानी जाती हैं।