लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद गहराता जा रहा है। इस बीच खबर आयी है कि रूस दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की कोशिशों में जुटा है। रूस पीछे के रास्ते से भारत और चीन के संपर्क में है। बता दें कि रूस के भारत और चीन दोनों के साथ दोस्ताना संबंध हैं। इसके अलावा रूस रशिया-इंडिया-चाइना, ब्रिक्स और शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का सदस्या भी है और फिलहाल इन तीनों महत्वपूर्ण संगठनों का अध्यक्ष भी है।
भारत और चीन भी इन संगठनों के सदस्य हैं। रूस, भारत और चीन जैसे बड़े देशों के शामिल होने के चलते वैसे भी ये संगठन वैश्विक मंच पर काफी अहम हैं। भारत और चीन के बीच यदि तनाव लंबे समय तक जारी रहता है तो इससे इन संगठनों की अहमियत घट सकती है और रूस यह बात अच्छी तरह समझता है। यही वजह है कि रूस दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।
रूस मानता है कि इन संगठनों के चलते ग्लोबल पावर का संतुलन बना रह सकता है। आज रूस, चीन और भारत के विदेश मंत्री RIC संगठन की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे।
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस और चीन के रिश्तों में कुछ खटास की भी खबरें हैं। ऐसे में भी रूस भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है। दरअसल कोरोना संक्रमण (चीन से शुरू हुआ) और यूक्रेन के समुद्री इलाके में चीन पर लगे जासूसी के आरोपों को बाद रूस और चीन के संबंध में थोड़ी कड़वाहट का दौर चल रहा है।
बता दें कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत चीन के बीच सुलह कराने का प्रस्ताव रखा था। व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा था कि “ये बहुत मुश्किल परिस्थिति है। हम भारत से बात कर रहे हैं। हम चीन से भी बात कर रहे हैं। वहां उन दोनों के बीच बड़ी समस्या है। दोनों एक दूसरे के सामने आ गए हैं और हम देखेंगे कि आगे क्या करना है। हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।”