कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच छिड़े विवाद के बीच, अमेरिका भी धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच मुद्दे को शांत करने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के माध्यम से दोनों देशों के बीच बैकचैनल वार्ता की संभावना तलाशी जा रही है।

यह तब हुआ है जब न्यूयॉर्क पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह अभी भी दोहरे मानकों की दुनिया है और प्रभावशाली देश परिवर्तन के दबाव का विरोध कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि प्रभाव वाले देशों ने वास्तव में उनमें से बहुत सी क्षमताओं को हथियार बना दिया है। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए अपने देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का बचाव करने वाले बयानों की ओर भी इशारा किया, जयशंकर ने कहा, “बाजार के नाम पर बहुत सारी चीजें की जाती हैं, जैसे आजादी के नाम पर बहुत सारी चीजें की जाती हैं।”

अमेरिकी डिप्लोमेट्स के भारत-कनाडा विवाद पर बयान

वहीं, जब से दिल्ली ने निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया, तब से कम से कम पांच वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी और राजनयिक- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, एनएसए जेक सुलिवन, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक रणनीतिक संचार जॉन किर्बी, भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने सार्वजनिक बयान दिए हैं। इन बयानों में दिल्ली से सहयोग करने के लिए कहना लेकिन ओटावा से भी मुद्दा न उछालने के लिए कहा गया है।

जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने निज्जर की हत्या के संबंध में भारत के साथ विश्वसनीय सबूत साझा किए हैं और वह चाहता है कि वह इस गंभीर मामले पर सहयोग करे। वहीं भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है। इसमें ओटावा पर कनाडा में खालिस्तान अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और निज्जर की हत्या पर कोई विशेष जानकारी साझा नहीं करने का आरोप लगाया गया है।

साथ ही भारत ने सहयोग के लिए एक खिड़की खोलते हुए कहा कि अगर कोई विशेष जानकारी प्रदान की जाती है, तो नई दिल्ली उस पर गौर करने को तैयार होगी। न्यूयॉर्क में जयशंकर अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच अगले एक हफ्ते में कुछ खुलकर बातचीत होगी। बताया जाता है कि एनएसए अजीत डोभाल भी अपने अमेरिकी समकक्ष के संपर्क में हैं।