जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद भले ही भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव पर चरम पर है। इसके बावजूद दोनों देशों की सेनाएं एक साथ संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। दोनों देशों की सेनाएं चार देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होंगी। भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन और रूस की सेनाएं इस युद्धाभ्यास का हिस्सा होंगी।
यै सैन्य युद्धाभ्यास अगले सप्ताह से रूस में शुरू हो रहा है। इस साल बालाकोट में भारतीय वायुसेना की तरफ से किए गए एयर स्ट्राइक के बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों देशों की सेनाएं किसी बहुदेशीय युद्धाभ्यास में शामिल होंगी। इससे पहले दोनों देशों रूस में आयोजित संघाई सहयोग संगठन की बैठक में मिले थे।
यह युद्धाभ्यास 9-23 सितंबर के दौरान दो सप्ताह तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास को TSENTR 2019 नाम दिया गया है। भारतीय सेना की तरफ से बृहस्पतिवार को बताया गया कि यह युद्धाभ्यास रूसी सैन्य बल के वार्षिक प्रशिक्षण चक्र के व्यापक पैमाने पर होने वाले वार्षिक सीरिज का हिस्सा है। यह अभ्यास रूस की चार मुख्य रणनीतिक कमान के जरिये संचालित होगा।
रूस की तरफ से हर साल यह बड़ा सैन्य अभ्यास उसकी एक कमान की तरफ से आयोजित किया जाता है। पूर्व में वोस्तोक, पश्चिम में जापड, मध्य में TSENTR और दक्षिण में कावकास इसे संचालित करता है। इस साल यह ओरेनबर्ग के डोनगुज ट्रेनिंग रेंज में होगा।
भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि इस युद्धाभ्यास में अलग-अलग देश शामिल होते हैं। ZAPAD-2017 में बेलारूस ने हिस्सा लिया था। VOSTOK-2018 में चीन और मंगोलिया शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि इस बार के युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले देशों की संख्या को बढ़ाकर 9 कर दिया गया है। इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी हिस्सा लेंगे।
कर्नल आनंद ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ट्रेनिंग करने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मध्य एशिया क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस साल युद्धाभ्यास में सेनाओं की तैयारी के स्तर और कौशल का मूल्यांकन किया जाएगा।
