प्रधानमंत्री दफ्तर (पीएमओ) ने माना है कि अभी उसके पास मंत्रियों की कमी है। ज्यादातर मंत्रियों को बिहार विधानसभा चुनाव में लगा दिया गया है।
मंत्रियों की यह कमी दिल्ली में 29 अक्टूबर से हो रहे तीसरे इंडिया-अफ्रीका फोरम समिट में भी देखने को मिली। अब तक 53 अफ्रीकी नेताओं ने समिट में आने की रजामंदी दे दी है।
इन नेताओं के लिए ‘मिनिस्टर इन वेटिंग’ के तौर पर पीएमओ को मंत्रियों को भेजना था। यह सामान्य प्रोटोकॉल है। लेकिन इसके लिए मंत्री कम पड़ रहे हैं।
एक्सटर्नल अफेयर्स प्रोटोकॉल डिविजन ने 53 अफ्रीकी नेताओं के स्वागत के लिए 53 केंद्रीय मंत्रियों को भेजने की मांग रखी थी। लेकिन मोदी के मंत्रिपरिषद में 13 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 25 राज्य मंत्री ही हैं। यानी 15 मंत्री कम हैं।