देश में एकल प्लास्टिक (सिंगल यूज प्लास्टिक) प्रयोग करने वालों पर बढ़ी सख्ती ने केंद्र सरकार का खजाना भर दिया है। केंद्र सरकार ने एकल प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए देश भर में राज्य सरकारों के साथ एकल प्लास्टिक के दायरे में आने वाले वस्तुओं की जांच और धरपकड़ शुरू की थी। पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस कानून के तहत की गई कार्यवाही में अब तक 15.9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है और 180 टन प्लास्टिक जब्त की गई है।
सभी राज्यों में मंत्रालय की जांच टीमों के माध्यम से कुल 90851 जगहों पर छापेमारी की गई थी। इस जांच में टीमों 26378 जगहों पर एकल प्लास्टिक के नियमों का उल्लंघन मिला है। इन उल्लंघन के आधार पर ही इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। जांच टीमों के माध्यम से रिपोर्ट सामने आई है कि उसमें यह भी सामने आया है कि एकल प्लास्टिक के तौर पर जो भी चीजें इस्तेमाल की जा रही है।
उन पर प्लास्टिक का कवर भी चढ़ाया जा रहा है। इस पर जांच टीमों ने चिंता जाहिर की है और संबंधित राज्यों की एजंसियों को इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा निर्देश बीते सप्ताह ही भेजे गए हैं और ऐसी चीजों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कहा गया है।
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जांच एजंसियों ने देशभर में पान मसाले से संबंधित 41 कंपनियों में भी जाकर प्लास्टिक प्रयोग की जांच की थी। इस जांच के बाद 31 जगहों पर प्लास्टिक प्रयोग पाया गया था। यह प्लास्टिक मसाला को पैक करने के लिए प्रयोग की जा रही थी। इन कंपनियों को केंद्र सरकार ने बंद करने के आदेश जारी किए हैं। जुलाई से सिंतबर के बीच भी जांच एजंसियों ने एक सघन अभियान देश भर में चलाया था।
केंद्र सरकार ने एकल प्लास्टिक के प्रयोग पर एक जुलाई से रोक के आदेश जारी किए थे। इसके दायरे में ऐसी चीजें आती है, जो कि केवल एक ही बार प्रयोग की जाती है और बाद में उन्हें फैंक दिया जाता है। इनमें थैलियां, प्लास्टिक के एक बार प्रयोग होने वाले बर्तन, जूस आदि पीने के लिए प्रयोग होने वाला पाइप (स्ट्रा) आदि जैसी चीजें शामिल है।
पर्यावरण को होने वाले नुकसान की वजह से केंद्र सरकार ने एकल प्लास्टिक के प्रयोग की चीजों को बंद करने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार का मानना है कि प्लास्टिक प्रयोग को कम करने के लिए अभी भी आम नागरिक व संबंधित कंपिनयों में खास जागरूकता की जरूरत है, इसलिए राज्य सरकारों के सहयोग से विशेष मुहिम भी शुरू की गई है ताकि निर्माताओं और प्रयोग कर्ताओं को जागरूक किया जा सके।