आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी (AAP) का राजनैतिक दल का दर्जा वापस लेने के लिए चुनाव आयोग से कहा है। एचटी की खबर के अनुसार, विभाग ने पार्टी को मिले 27 करोड़ रुपए के चंदे की ‘गलत और फर्जी’ ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने पर AAP के खिलाफ इस कार्रवाई की सिफारिश की है। आईटी ने यह रिपोर्ट पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले दी है, जहां AAP चुनाव में जीत का दावा कर रही है। दिल्ली में AAP की सरकार है, जहां 2015 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की थी। आयकर विभाग ने कहा कि ‘गलत और फर्जी’ ऑडिट रिपोर्ट्स 2013-14 और 2014-15 में फाइल की गई थीं और इसलिए ‘AAP का एक ट्रस्ट तथा पार्टी के तौर पर रजिस्ट्रेशन फिर से जांचने और खारिज किया जा सकता है।” AAP ने आरोपों को ‘पंजाब और गोवा में वोटिंग से पहले बीजेपी की गंदी साजिश’ करार दिया है।’ पार्टी
पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, ”वे (बीजेपी) डर से कांप रहे हैं क्योंकि पंजाब और गोवा, दोनों जगह लोग AAP के लिए वोट दे रहे हैं और बुरी हार उनका मुंह देख रही है। उन्होंने हड़बड़ी में पैनिक बटन दबा दिया है। लोग उन्हें झाड़ू (AAP का चुनाव चिन्ह) दबाकर सबक सिखाएंगे।” आयकर विभाग की यह रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में राजनैतिक फंडिंग की सफाई से जुड़े प्रावधानों की घोषणा के बाद आई है, जिसके तहत व्यक्तिगत दान पर 2,000 रुपए नकद की अधिकतम सीमा तय की गई है।
आयकर विभाग की रिपोर्ट में AAP के बैंक स्टेटमेंट्स, उसकी वेबसाइट्स पर प्रकाशित जानकारी और चुनाव आयोग को सौंपी गई सूचनाओं में अंतर दर्शाया गया है। विभाग ने आरोप लगाया है कि पार्टी को 2013-14 में मिले 50.6 करोड़ रुपए के चंदे में 20.5 करोड़ तथा 2014-15 में 6.5 करोड़ रुपए का चंदा संदिग्ध सूत्रों से मिला है। टैक्स अधिकारियों ने पहली और पुनरीक्षित सूचियों में से 874 दानकर्ताओं की पहचान में भी भिन्नता पकड़ी है।
पिछले सप्ताह विभाग ने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के भाई और उनकी पत्नी से 2010 के बाद इकट्ठा की गई संपत्ति को लेकर पूछताछ की थी।

