आध्यात्मिक गुरु कल्कि भगवान के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सोमवार (21 अक्टूबर, 2019) को उनके बेटों के ठिकानों से आयकर विभाग को 44 करोड़ रुपए कैश के रूप में मिले। इस रकम में 20 करोड़ रुपए अमेरिकी डॉलर में पाए गए, जबकि 90 किलोग्राम सोना भी बरामद किया गया।

समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने ये सारा सामान कुल पांच जगह छापेमारी के बाद हासिल किया, जिसमें चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू, चित्तूर और कुप्पम लोकेशेंस शामिल हैं। ये रेड आध्यात्मिक गुरु के बेटों के स्वामित्व वाली ‘व्हाइट लोटस’ की संपत्तियों पर मारी गईं।

यह आध्यात्मिक गुरु खुद के भगवान विष्णु के 10वें अवतार के होने का दावा करते हैं। वह इसके अलावा धार्मिक शैक्षणिक संस्था Oneness University के संस्थापक भी हैं। जानकारी के मुताबिक, कल्कि का असल नाम विजय कुमार नायडू है।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1971 में Life Insurance Corporation में बतौर क्लर्क की थी। 1980 में वह J. Krishnamurthy Foundation से जुड़ थे। बाद में उन्होंने खुद का ट्रस्ट बना लिया था।

1989 में उन्होंने खुद को भगवान बताना शुरू कर दिया था। विजय कुमार तब दावा करने लगे थे कि वह भगवान विष्णु के अवतार हैं और उनके पास अप्राकृतिक शक्तियां है, जिससे वह लोगों को ज्ञान और निर्वाण की प्राप्ति भी करा सकते हैं।

धीमे-धीमे लोग उनकी इसी बात पर यकीन करने लगे और देखते ही देखते चंद दिनों बाद राजनेता, उद्योगपति और फिल्मी सितारे तक उनके चित्तूर स्थित आश्रम पहुंचने लगे।

खुद को कल्कि भगवान बताने वाले विजय का चित्तूर आश्रम 2008 में भी सुर्खियों में छाया था। दरअसल, तब भगदड़ के दौरान पांच लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हुए थे। इनके आश्रम में सामान्य दर्शन के लिए दंपति से पांच हजार रुपए लिए जाते हैं, जबकि विशेष दर्शन 50 हजार रुपए देने के बाद कराया जाता है।

Oneness Temple में योग और साधना से जुड़ी क्लासेज भी होती हैं, जिनका हिस्सा बनने के लिए आश्रम 50 हजार रुपए (शुरुआती कीमत) वसूलता है। हैरत की बात है कि इन सेशंस में भारी संख्या में विदेशी जुटते हैं, जिनके बीच ये क्लासेज और आश्रम आकर्षण का केंद्र है।