अर्धसैनिक बलों पर कामकाज और परिस्थितियों को लेकर बढ़ते दबाव को देखते हुए भारत तिब्बत बॉर्डर पुलिस ने जवानों के लिए हॉलीडे होम बनाने का फैसला किया है। अभी तक यह सुविधा केवल अधिकारियों को ही मिलती थी। आईटीबीपी के डीजी कृष्णा चौधरी ने शुक्रवार को मसूरी में इस तरह के पहले हॉलीडे होम की नींव रखी। आईटीबीपी सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ सालों में शिमला, अल्मोड़ा, जोशीमठ, चित्तूर, मदुरई, सरहण, गंगटोक और अन्य हिट स्टेशंस में भी हॉलीडे होम बनाए जाएंगे।
इन होम्स में एक साथ चार परिवारों के ठहरने की सुविधा होगी। इसमें एक बेडरूम, किचन और एक वॉशरूम होगा। चौधरी ने बताया,’सभी अधिकारियों को सभी स्टेशंस पर ठहरने की सुविधा मिलती है लेकिन जवानों और हवलदारों को यह सुविधा नहीं है। वे बैरक में रहते हैं। हाल ही में मैं एक अग्रिम चौकी पर गया था। वहां पर मैंने जवानों से पूछा कि क्या वे अपने परिवारों को हिल स्टेशंस पर ले जाते हैं तो उन्होंने कहा कि वे इसका खर्चा नहीं उठा सकते। उसी समय मैंने सोचा कि यह सुविधा सबको मिलनी चाहिए।’
सूत्रों के अनुसार एक बार यह सुविधा शुरू होने के बाद जवान अपने परिवार के साथ 200 रुपये देकर ठहर सकेंगे। इसके साथ ही ‘जस्ट लीव’ पॉलिसी पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत जवानों को मुश्किल ड्यूटी के बाद सामाजिक जरूरतों को पूरा करने और परिवार के साथ समय बिताने का समय दिया जाएगा। आईटीबीपी ने गृह मंत्रालय से और अधिक जवानों को भर्ती करने की मांग भी की है। इससे कि रिजर्व बटालियंस रहें और जवानों की ड्यूटी की अदलाबदली की जा सके।