नई दिल्ली। कैबिनेट विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि मोदी ने चुनाव प्रचार में संसद से अपराधियों के सफाये की बात कही थी लेकिन इसके विपरीत उनके मंत्रिमंडल में और दागी मंत्रियों को शामिल किया गया है।

कांग्रेस ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की कवायद खोखली रही और मंत्रियों के कामकाज बदलने में कोई तर्कसंगत सोच नहीं दिखाई दी और खासतौर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली को सूचना और प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जिन दोनों का आपस में कोई तालमेल नहीं है।

प्रधानमंत्री पर अपने चुनावी वायदों को पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए उनसे इसके लिए माफी मांगने को कहते हुए कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने नवनियुक्त मंत्री वाई एस चौधरी के इस्तीफे की मांग भी की और इसके लिए उन्होंने उन बैंक दस्तावेजों का हवाला दिया जिनमें दावा किया गया है कि उनकी कंपनी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिये गये 317.6 करोड़ रुपये के लोन का भुगतान नहीं किया।

माकन ने दावा किया कि कल मंत्रिमंडल विस्तार में दो से तीन विवादास्पद मंत्री शामिल किये गये हैं। उन्होंने कहा कि 66 मंत्रियों में दागी मंत्रियों की संख्या 15-16 तक पहुंच गयी है।

माकन ने कहा, ‘‘क्या आपने उन्हें बकाया कर भुगतान में दोष से बचाने के लिए मंत्री बनाया है। मोदी सरकार को इस पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि एक और मंत्री रामशंकर कठेरिया के चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ 23 मामले दर्ज हैं।

माकन ने कहा, ‘‘संभवत: अन्य किसी सांसद का इतना भारी भरकम आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होगा।’’
मोदी सरकार के नये मंत्री गिरिराज सिंह के घर से चोरी के 1.25 करोड़ रुपए जब्त होने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश की जनता प्रधानमंत्री से जानना चाहती है कि जिस व्यक्ति के घर से भारी नगदी मिली हो और आयकर विभाग जिस मामले में जांच कर रहा हो, अगर वह दागी नहीं है तो कौन है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस मोदी से जानना चाहती है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर क्यों है। आप संसद से अपराधियों के सफाये की बात करते हैं, लेकिन आप दागी मंत्रियों को शामिल करते हैं।’’
माकन के मुताबिक प्रधानमंत्री को दागी लोगों को अपने मंत्रिपरिषद से दूर रखना चाहिए क्योंकि यह उनके अधिकार क्षेत्र की बात है।

कुछ मंत्रियों के प्रभार बदलने पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इन मंत्रियों के कामकाज बदलने में कोई सोच और तर्क नहीं दिखाई देता। पहले हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री थे जो डॉक्टर हैं और अब उनकी जगह वकील जे पी नड्डा को यह मंत्रालय दिया गया है।’’

माकन ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री अरुण जेटली को सूचना और प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कामकाज दिया गया है। प्रधानमंत्री पहले संबंधित विभागों के बीच तालमेल की बात करते थे। वित्त मंत्रालय और सूचना-प्रसारण मंत्रालय में इस बात के अलावा क्या संबंध हैं कि कुछ उद्योगपतियों ने मीडिया संस्थानों को खरीद लिया है। क्या इसके अलावा कोई तालमेल है?’’

माकन ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री अनेक विभागों को मिलाने की बात करते थे लेकिन आयुष विभाग को स्वास्थ्य मंत्रालय से अलग करके एक नये मंत्री को दे दिया गया है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि डीवी सदानंद गौड़ा को रेलवे से कानून मंत्रालय में क्यों भेज दिया गया जिसे पहले रविशंकर प्रसाद देख रहे थे।

माकन ने कहा, ‘‘अगर रेल और स्वास्थ्य मंत्रियों को कामकाज में कमजोर प्रदर्शन या अक्षमता के कारण बदला गया है तो इसका मतलब है कि भाजपा सरकार इतने समय तक विफल रही।’’
गौड़ा की संपत्ति मंत्री बनने के तीन महीने बाद 9.88 करोड़ रुपये से 20.35 करोड़ रुपये होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘अगर आपने उन्हें भ्रष्टाचार के कारण हटाया है तो दो और मंत्री हैं जिनकी संपत्ति इस तरह से बढ़ गयी।’’हालांकि उन्होंने उन दो मंत्रियों के नाम नहीं लिये।

जब माकन से पूछा गया कि कल नये मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के नेता उपस्थित क्यों नहीं थे, तो उन्होंने कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं दिये जाने पर अपनी नाखुशी नहीं छिपाई। उन्होंने कहा, ‘‘उस पार्टी से यह सवाल नहीं किया जाना चाहिए, जिसे नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया हो। यह शिवसेना और अकाली दल से पूछा जाना चाहिए। जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी की बनती है।’’
(भाषा)