अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों को उनके देश भेजा जा रहा है। बीते बुधवार को अमेरिका ने 104 लोगों को भारत भेजा। ये सभी अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे। अमेरिका से निर्वासित किए गए लोगों के परिजनों की मानें तो उन्हें अमेरिका भेजने में 30 से 50 लाख रुपये का खर्च पड़ता है। इसके बाद भी कई महीनों तक अवैध रास्ते के जरिए अमेरिका पहुंचते हैं। अमेरिका से भारत आए 104 लोगों में एक ऐसी महिला भी है जो अपने मंगेतर से शादी करने के लिए अवैध तरीके से अमेरिका गई थी। उसको अमेरिकी प्रशासन ने शादी से पहले ही भारत वापस भेज दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से पंजाब अमृतसर के सलेमपुर गांव पहुंचे दलेर सिंह के एक रिश्तेदार ने बताया कि उनके परिवार का सदस्य एक महीने पहले ही अमेरिका पहुंचा है। “वो यहां बस ड्राइवर था। उसने अमेरिका पहुंचने के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए। वो 30 दिन पहले ही अमेरिका पहुंचा है,” रिश्तेदार ने ये भी बताया कि पिछले 15 दिनों से उससे हमारा कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। हालांकि पुलिस स्टेशन से फोन करके बताया गया कि दलेर अमृतसर पहुंच रहा है।
अमेरिका भेजने को सहमत नहीं था परिवार
अजयदीप सिंह के दादा चरणजीत सिंह ने बताया, “मेरा पोता 15 दिन पहले ही अमेरिका गया था। मैं उसे अमेरिका भेजने के फैसले से सहमत नहीं था, लेकिन मुझे नहीं पता कि उसके साथ क्या गलत हुआ है। मुझे नहीं पता कि उसे भेजने में कितना पैसा खर्च हुआ।”
लाखों रुपये कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, मुसीबत में डाली जान, बिखर गए सपने
पंजाब की रहने वाली सुखजीत कौर भी अमेरिका गई थी। उसे भी निर्वासित कर दिया गया। सुखजीत के रिश्तेदारों ने बताया कि वो अपने मंगेतर से शादी करने के लिए अमेरिका गई थ। 26 साल की सुखजीत का मंगेतर वहीं अमेरिका में ही रहता है लेकिन शादी से पहले ही उसे हिरासत में ले लिया गया और उसे भारत भेज दिया गया। रिश्तेदारों की मानें तो सुखजीत ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है। वो एक एजेंट के झांसे में आकर अवैध रूप से अमेरिका जाने का निर्णय किया और पहुंच भी गई।
पढ़ाई वीजा नहीं मिलने पर अवैध तरीके से अमेरिका गया आकाश
अमेरिका में पढ़ाई के लिए स्टडी वीजा की चाह रखने वाले आकाशदीप के पिता किसान स्वर्ण सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे की यात्रा को लेकर 40 से 45 लाख रुपये खर्च किए। हालांकि उनको ये नहीं पता था कि आकाशदीप को वापस भेज दिया जाएगा। वो नियमित रूप से गुरुद्वारा जाकर अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस को उन्होंने बताया कि पैसा तो आता-जाता रहता है। लेकिन बड़ी बात ये है कि मेरा बेटे सुरक्षित लौट आया है।