इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) खड़गपुर छात्रों के बढ़ते सुसाइड के मामलों को रोकने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में वह परेशान छात्रों को किसी भी तरह के आत्मघाती कदम से रोकने के मकसद से छात्रावास के कमरों में छोटे पंखे लगाने पर विचार कर रहा है। संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस वर्ष कैंपस में छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
क्या है कॉलेज का प्लान?
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “परिसर में छात्रों से 24 घंटे संपर्क बनाए रखने, छात्रावास में रहने वाले छात्रों के माता-पिता से हर दूसरे महीने बातचीत करने, ‘कैंपस मदर्स’ कार्यक्रम (जहां महिला संकाय और कर्मचारी सदस्य छात्रों के लिए भावनात्मक मार्गदर्शक के रूप में काम करती हैं) और स्थायी मनोचिकित्सक की नियुक्ति जैसे कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा हम पंखों का आकार छोटा करने जैसे कदम भी उठा रहे हैं ताकि उनका किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग न किया जा सके।”
सुमन चक्रवर्ती ने आगे कहा कि यह मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाने का विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन जब आस-पास कोई न हो और अचानक ऐसे ख्याल आने पर इससे मदद मिल सकती है।
निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “लगभग 16 हजार छात्रों वाले सभी 21 छात्रावासों में हम चरणबद्ध तरीके से छोटे पंखे लगाने पर विचार कर रहे हैं। इसलिए तत्काल कोई समय-सीमा नहीं बता सकते।” इस बीच बीटेक छात्र रितम मंडल की मौत के कारणों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए संस्थान द्वारा 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। रितम मंडल ने 18 जुलाई को अपने कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
इस साल आ चुके हैं 5 मामले
बता दें कि आईआईटी खड़गपुर में इस साल 5 सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं। 12 जनवरी को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के तीसरे साल के छात्र शान मलिक ने आत्महत्या कर ली थी। वहीं 20 अप्रैल को ओशन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत वॉकर ने आत्महत्या की थी। 4 मई को बीटेक के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ अपने हॉस्टल के कमरे में अमृत पाए गए थे। बता दें कि 25 जुलाई को रीतम मंडल की मौत हुई थी और वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दूसरे वर्ष के छात्र थे। वहीं 28 जुलाई को मध्य प्रदेश के चंद्रदीप पवार की मौत हो गई।