ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच कथित तनातनी पर टिप्पणी की है। बुधवार (31 अक्टूबर) को उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरह मोदी सरकार केंद्रीय बैंक को भी तबाह करना चाहती है। ओवैसी का यह बयान तब आया, जब आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफा देने की आशंका से जुड़ी खबरें आ रही थीं।

हैदराबाद से सांसद ने उसी को लेकर एएनआई से कहा, “अगर उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर के पद से हट जाते हैं, तो इससे साफ हो जाएगा कि यह मोदी सरकार की अपने कार्यकाल में स्वतंत्र संगठनों की आजादी कम करने वाली नीति है। अगर वह इस्तीफा (पटेल) देंगे, तो इसे आरबीआई की स्वायत्तता में दखल माना जाएगा। ऐसे उन्होंने (मोदी सरकार) सीबीआई की स्वायत्तता तबाह की और अब आरबीआई की बारी है।”

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी इस मसले पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि संस्थाओं को मजबूत करना सरदार पटेल की विरासत रही। पर आज आरबीआई की अहमियत को कम कर दिया गया, जो कि उसके साथ धोखे जैसा है। जिन संस्थाओं को मजबूती के साथ खड़ा करने में सरकारों को 70 साल लगे, उन्हें महज पांच सालों (मोदी सरकार के कार्यकाल में) में ही बर्बाद किया जा रहा है।

इससे पहले, सुबह सीएनबीसी टीवी 18 की रिपोर्ट में कहा गया था कि केंद्र और आरबीआई में बढ़ती रार के बीच आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं। पर इस मसले पर आरबीआई की प्रतिक्रिया नहीं आई, जबकि अन्य रिपोर्ट्स में बताया गया कि वह अपने पद पर बने रहेंगे। उन्होंने 19 नवंबर को बोर्ड की बैठक बुलाई है।

उधर, वित्त मंत्रालय ने भी सुबह बयान जारी कर कहा, “आरबीआई अधिनियम के अधीन केंद्रीय बैंक की आजादी बेहद जरूरी है। सरकार ने हमेशा इस बात का ख्याल रखा है। सरकार और आरबीआई को जनता के हित और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से आगे बढ़ना होगा।”

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वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए बयान की प्रति। (फोटोः टि्वटर/@ashu3page)