Waqf Amendment Act: वक्फ संसोधन अधिनियम को लेकर पूरे देश में अलग माहौल देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर एक पोस्ट में यह बयान दिया है।

इससे पहले वक्फ अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने क्या कहा?

वक्फ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में छठे राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के समापन समारोह में बोलते हुए न्यायपालिका के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और किस आधार पर? संविधान के तहत आपके पास एकमात्र अधिकार अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है। वहां, पांच न्यायाधीश या उससे ज्यादा होने चाहिए। अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक परमाणु मिसाइल बन गया है।

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तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा दस विधेयकों को मंजूरी देने में देरी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला देते हुए धनखड़ ने कहा, ‘राष्ट्रपति को समयबद्ध तरीके से फैसले लेने के लिए कहा जाता है और यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह कानून बन जाता है। इसलिए हमारे पास जज हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी कार्य करेंगे, जो सुपर संसद के तौर पर काम करेंगे और उनकी कोई जवाबदेही रूप में कार्य करेंगे और उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता है।’

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तीन बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट भी वक्फ कानून पर सुनवाई कर रहा है। गुरुवार को भी कोर्ट ने सुनवाई की थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि वक्फ बोर्ड पर केंद्र के जवाब तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं होगी। कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी नोटिफाई नहीं होगी। वह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ बाय डीड। वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ बोर्ड परिषद में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। पढ़ें पूरी खबर…