अगर आप किसी कारण से मोबाइल बिल नहीं भर पाते हैं तो आपके खिलाफ आपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज हो सकता। केरल हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि कस्टमर द्वारा मोबाइल बिल नहीं भर पाना अपराध नहीं है। हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने एक आदमी के खिलाफ टेलिकॉम कंपनी द्वारा दायर आपराधिक धोखाधड़ी के केस को सिविल विवाद मानते हुए खारिज कर दिया।

एयरटेल कंपनी ने अब्दुल हाकिम नाम के ग्राहक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था। कंपनी का कहना था कि कि अब्दुल ने 21 जुलाई 2006 से 21 नवंबर 2006 तक के वक्त के दौरान कंपनी का 97 हजार 678 रुपए (5 महीने के दौरान) का यूजर चार्ज नहीं भरा है। एयरटेल के खिलाफ बाद में हाकिम ने हाईकोर्ट का रुख किया और केस को रद्द करने की मांग की।

केरल हाईकोर्ट में हाकिम की तरफ से उसका पक्ष रखा गया। जिसमें कहा गया कि यूजर चार्ज का मामला दो पार्टियों के बीच एक समझौते से जुड़ा है और इसलिए ट्रांजेक्शन पूरी तरह से सिविल प्रकृति का है। जस्टिस टीवी अनिलकुमार ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि IPC की धारा 420 के मुताबिक यह आपराधिक काम नहीं है।