फिल्ममेकर हंसल मेहता ने आर्टिकल 377 पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह कानून लागू रहता है तो वह भी अपराधी हैं। एक अंग्रेजी अखबार से उन्होंने कहा कि, वर्तमान में धारा 377 केवल समलैंगिकता या व्यस्कों के संबंध बनाने तक ही सीमित नहीं है। यह ज्यादातर व्यस्क कृत्यों पर पाबंदी लगाता है। यहां तक कि कानून की नजर में मैं भी अपराधी हूं। क्योंकि जिसने भी ओरल सेक्स किया है वह अपराधी है। 377 के चलते अधिकांश भारतीय अपराधी है।’
आपको बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट धारा 377 पर फिर से सुनवाई को राजी हो गया था। कोर्ट ने इस मामले को पांच जजों की पीठ के पास सुनवाई को भेजा गया है। उम्मीद जताते हुए हंसल मेहता ने कहा कि, ‘इसका काफी लोग समर्थन कर रहे हैं। अपीलकर्ता नाज फाउंडेशन के वकील लगातार और जोरदार काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह मूर्खतापूर्ण कानून समाप्त हो जाएगा।’
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हंसल मेहता की आने वाली फिल्म ‘अलीगढ़’ में भी समलैंगिकता का मुद्दा उठाया गया है। इस फिल्म में मनोज वाजपेयी गे प्रोफेसर की भूमिका निभा रहे हैं।