हैदराबाद पुलिस ने बुधवार को एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने मंदिर में एक मूर्ति को अपवित्र किया। यह शख्स सोशल मीडिया पर इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक और अन्य धार्मिक उपदेशकों के वीडियो देखता था। इन उपदेशकों के वीडियो देखकर वह कट्टरपंथी बन गया था और मुंबई में भी इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुका है।

इस शख्स की उम्र 30 साल है और हैरानी की बात यह है कि वह इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है।

इस शख्स का नाम सलमान सलीम ठाकुर उर्फ सलमान है। सलमान सोमवार सुबह सिकंदराबाद के मुथ्यालम्मा मंदिर के गर्भगृह में घुस गया और मंदिर की मुख्य मूर्ति को अपवित्र कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग, हिंदू संगठनों और बीजेपी के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और सड़कों पर उतर आए।

लोगों ने जमकर पीटा, एफआईआर दर्ज

सलमान की इस हरकत से नाराज लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसने आरोपी को हिरासत में लेकर अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि आरोपी का इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

हैदराबाद पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जांच के दौरान पता चला है कि सलमान मुंबई का रहने वाला है। सलमान सोशल मीडिया पर एक्टिव है और जब हमने उसके मोबाइल फोन और सोशल मीडिया एक्टिविटीज की जांच की तो हमें पता चला कि वह जाकिर नाइक और अन्य इस्लामिक उपदेशकों के वीडियो देखता था।

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पुलिस के बयान के मुताबिक इस्लामिक उपदेशकों के वीडियो देखने के बाद सलमान कट्टरपंथी बन गया और अन्य धर्मों में होने वाली मूर्ति पूजा से सख्त नफरत करने लगा। महाराष्ट्र पुलिस ने मुंबई में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने को लेकर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने बताया कि सलमान इन दिनों एक महीने की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट वर्कशॉप में भाग लेने के लिए हैदराबाद आया था, जहां उसने इस घटना को अंजाम दिया।

कौन है जाकिर नाइक?

57 वर्षीय जाकिर अब्दुल करीम नाइक इस्लामी उपदेशक है। उस पर नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे और वह 2016 में भारत से भाग गया था। हालांकि नाइक का कहना था कि उसके बयानों को “तोड़-मरोड़कर” और “गलत तरीके से पेश किया गया” है। जाकिर नाइक के भाषण सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते हैं।

नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था और उसने एमबीबीएस की डिग्री ली है। वह 20 साल की उम्र से ही धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो गया और बाद में उसने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की स्थापना की।

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2016 में ढाका कैफे पर हमले के एक आरोपी ने कहा था कि वह नाइक के भाषणों से प्रभावित था। इस हमले में 22 लोग मारे गए थे। तब नाइक का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया था। उस साल भारत की आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने नाइक के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और आईआरएफ को गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।

2017 में नाइक ने मलेशिया में शरण मांगी थी और अब वहां का स्थायी निवासी है। भारत उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। इंटरपोल ने नाइक के लिए रेड नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। हाल ही में जाकिर नाइक पाकिस्तान गया था।