कुछ रुपए की हेरा फेरी के आरोप में किसी न किसी को कोर्ट कचेहरी के चक्कर लगाने की आपने खबरें जरूर सुनी होंगी। इस बार भी करीब ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां बैंक ने 84 रुपए का नुकसान करा लिया वो भी एक रुपए की खातिर। बैंक ने ग्राहक से वसूली के लिए नोटिस भेजा। इस नोटिस को भेजने में ही बैंक के 85 रुपए खर्च हो गए। कुरियर के जरिए यह नोटिस भेजा गया था।
दरअसल, मामला आईडीबीआई बैंक का है। बैंक ने गाजियाबाद के ग्राहक को 1 रुपए की वसूली का नोटिस भेजा है। यह नोटिस 5 अक्टूबर को बैंक ने भेजी है। इसमें कहा गया है कि 1 अक्टूबर 2018 को आपके लोन अकाउंट के सब अकाउंट में 1 रुपए का बकाया है। बैंक ने कुरियर के जरिए भेजे गए नोटिस में भुगतान आरटीजीएस, एनईएफटी या चेक के माध्यम से भुगतान करने को कहा है। साथ ही कहा है कि भुगतान न होने की दशा में खाता ओवरड्यू ही रहेगा। जबकि लोन लेने वाले शक्स ने कहा, हर महीने किस्त जाने के बावजूद यह बाकी कैसे रह गया। अब ग्राहक परेशान है कि 1 रुपए का भुगतान कैसे किया जाए।
ग्राहक का कहना है कि अगर बैंक की तरह कुरियर से भेजता हूं तो 85 रुपए लगेंगे। सधारण डाक से भेजने पर भी 5 रुपए का खर्च आता है। स्पीड पोस्ट करने में भी 15 रुपए जाएंगे। यदि बैंक की बात मान आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से भुगतान कर हूं तो भी 2.5 रुपए खर्च हो ही जाएंगे
रिजर्व बैंक के पूर्व निदेशक विपिन मलिक ने कहा, बैंक की ये मजबूरी होती है कि वो किसी भी अकाउंट या उसके सब अकाउंट में कोई भी रकम बकाया न छोड़े। जब तक पूरी रकम वसूल न हो जाए वो अकाउंट बैंक के ऊपर भार रहता है। ऐसे में सरकार को ऐसा विकल्प देना चाहिए कि 100 रुपये से कम के बकाया बैंक के अधिकार क्षेत्र में रहे और वह उसे खत्म कर सके।
बता दें कि, देश से फरार हो चुके कारोबारी विजय माल्या पर करीब 9000 करोड़ बकाया है। यह रकम माल्या ने 17 बैंकों से ली थी। देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई ने माल्या की कंपनियों को 1600 करोड़ रुपये का लोन दिया है। पीएनबी ने 800 करोड़, आईडीबीआई बैंक ने 900 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया ने 650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 550 करोड़ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 410 करोड़ रुपये का लोन दिया था।