आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन मामले में आरोपी चंदा कोचर के खिलाफ ईडी, सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इन सब के बावजूद आईसीआईआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ बुधवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) की बैठक में शामिल हुईं।

चंदा कोचर पर अपने पति दीपक कोचर की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी में निवेश करने के बदले वीडियोकॉन समूह को लोन की मंजूरी देने का आरोप है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार इन आरोपों के बावजूद चंदा कोचर इस प्रतिष्ठित संस्थान की चेयरपर्सन पद पर बनी हुई हैं।

आईआईआईटी वडोदरा उन संस्थानों में से एक हैं जिन्हें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये खड़ा किया गया है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के अलावा प्राइवेट कंपनियों की भी भागीदारी है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के अलावा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ गंभीर आरोपों के मामले में जांच कर रही है।

खबर के अनुसार एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईआईटी की समन्यवय फोरम के बैठक की नई दिल्ली में अध्यक्षता की। इस बैठक में चंदा कोचर संस्थान के चेयरमैन के रूप में मौजूद रहीं।

खबर में एक अन्य अधिकारी की बातचीत के हवाले से कहा गया है कि इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। चंदा कोचर को साल 2016 में 5 साल के लिए आईआईएचटी का चेयरमैन चुना गया था। इंस्टीट्यूट का चेयरपर्सन होने के नाते वह इस बैठक में शामिल हुई थीं। वडोदरा में आईआईआईटी के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि कोचर अभी भी संस्थान की चेयरपर्सन बनी हुई हैं।

चेयरपर्सन के नाते उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था। अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ मामले के बाद कोई एक्शन लेना है तो इस मामले में एचआरडी मंत्रालय कोई कार्रवाई करेगा। हालांकि, इस मामले में चंदा कोचर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।