Indian Air Force Aerial Strike: भारतीय वायुसेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल को पार कर पाकिस्तान की सीमा में स्थित आतंकी संगठनों पर भारी बमबारी की है। भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई इतनी सटीक और शानदार रही कि पाकिस्तान की सेना को इसकी भनक नहीं लग सकी और जब तक उन्हें पता चला तब तक हमारे लड़ाकू विमान अपना काम कर सुरक्षित वापस लौट चुके थे। न्यूज 18 के साथ बातचीत में 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कैसे भारतीय विमानों ने पाकिस्तान की सेना और उनके रडार को चकमा दिया?
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि ‘वह इस कार्रवाई से बेहद खुश हैं। पुलवामा हमले के बाद ऐसी कार्रवाई हम पर उधार थी। इससे पाकिस्तान को कड़ा संदेश मिलेगा कि भारत अब और नहीं सह सकता।’ लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि यह एअर स्ट्राइक पूरी तरह से प्रोफेशनल और सुनियोजित थी। जिससे हम पाकिस्तान के रडार सिस्टम से बच निकलने में कामयाब रहे। लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने इस एअर स्ट्राइक के लिए चुनिंदा रूट्स का इस्तेमाल और आधुनिक जैमर की सहायता ली। पूर्व सैन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना, पाकिस्तान वायुसेना के मुकाबले ज्यादा उन्नत है।
इस तरह की बड़ी कार्रवाई का समर्थन करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ‘भारतीय सरजमीं पर अब आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और अब यह मानना भी गलत है कि भारत आतंकी हमलों के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा।’ हुड्डा के अनुसार, पाकिस्तान की सीमा और पीओके में बड़ी संख्या में आतंकी कैंप स्थित हैं। जब हुड्डा से यह पूछा गया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को ही निशाना क्यों नहीं बनाया? इसके जवाब में हुड्डा ने कहा कि ऐसा करने पर आम लोगों की जान-माल का नुकसान हो सकता था। पाकिस्तान की संभावित कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा कि गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है और ऐसी स्थिति में भारतीय सुरक्षाबलों को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। बता दें कि मंगलवार की सुबह भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों पर 1000 किलो बम बरसाए। इस हमले में जैश ए मोहम्मद का सबसे अहम ट्रेनिंग सेंटर तबाह हो गया है।