बुधवार को तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में एक मात्र वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बच पाई है। इस हादसे में उनके साथ सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी समेत कुल 14 सैन्य अफसर सवार थे। जिनमें से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को छोड़कर बाकी सभी 13 लोगों की मौत हो गई है।

इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात वरुण सिंह को हाल ही में शौर्य चक्र मिला है। हेलीकॉप्टर हादसे में वरुण सिंह गंभीर रूप से झुलस गए हैं, और उनका वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। पिछले साल एक उड़ान के दौरान जटिल तकनीकी समस्याओं की चपेट में आने के बाद भी अपने विमान को संभालने के साहस के लिए उन्हें इसी साल अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने तेजस फाइटर को मिड-एयर इमरजेंसी के बावजूद सुरक्षित उतार लिया था।

इस हादसे में चार सैन्य अधिकारियों की मौत मौके पर ही हो गई थी। बाकि बचे 10 लोगों को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज अभी जारी है। वो खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

यह हादसा तब हुआ जब जनरल रावत अपने दल बल के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वेलिंगटन स्थित डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। लैंडिंग स्थल से 10 किलो मीटर पहले ही उनका हेलीकॉप्टर एक जंगल में क्रैश कर गया। हालांकि मौके पर तुरंत ही बचाव कार्य शुरू हो गया था, लेकिन जनरल रावत समेत 13 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी।

जनरल रावत देश के पहले सीडीएस यानि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। 2020 में उनकी नियुक्ति इस पद पर तीन साल के लिए की गई थी। उनकी मौत पर पीएम मोदी ने शोक प्रकट करते हुए ट्वीट कर कहा- “मैं तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से बहुत दुखी हूं जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। उन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं”।