भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लेकर लंदन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे। वह उस दौरान जेटली से मामला सलटाना चाहते थे। बुधवार (12 सितंबर) को उन्होंने ये बातें ब्रिटेन के लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर कहीं। माल्या के मुताबिक, “भारत छोड़ने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था। मेरे पास तब मामला रफा-दफा करने वाले कुछ कागजात भी थे, जिन पर बैंकों ने आपत्ति जताई थी।”
हालांकि, जेटली ने शराब कारोबारी के इन दावों को बेबुनियाद बताया है। अपनी सफाई में उन्होंने कहा, “माल्या का बयान पूरी तरह से गलत है। हमारी मुलाकात संसद में हुई थी। साल 2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया। ऐसे उनसे मेरे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।”
सुनें लंदन में कोर्ट के बाहर क्या बोले माल्या–
#WATCH "I met the Finance Minister before I left, repeated my offer to settle with the banks", says Vijay Mallya outside London's Westminster Magistrates' Court pic.twitter.com/5wvLYItPQf
— ANI (@ANI) September 12, 2018
माल्या ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, “मैं देश छोड़कर तब इसलिए गया था, क्योंकि मुझे जेनेवा में एक बैठक में जाना था। जाने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था। मैंने बैंकों से मामला सलटाने की बात दोहराई थी। यही सच है।” आपको बता दें कि माल्या इस वक्त फर्जीवाड़े और मनी लॉन्डरिंग के मामले में फंसे हुए हैं। उन पर 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।
शराब कारोबारी ने इससे पहले सुबह कहा था कि कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष भी उन्होंने मामला रफा-दफा कराने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने कर्ज की रकम चुकाने की बात कही थी। वहीं, कोर्ट के बाहर उनके वकील ने भी कहा, “माल्या या किंगफिशर ने गलत इरादे से बैंकों से लोन मांगा था, इस बात का कोई सबूत नहीं है।”
माल्या की तरफ से इन दावों के सामने आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा। मुख्य विपक्षी दल ने पूछा, “सरकार स्पष्ट करे कि आखिर कैसे माल्या को देश छोड़ने की अनुमति दी गई?”
माल्या के दावों पर जेटली की ओर से यह बयान जारी किया गया। देखिए उन्होंने क्या कहा-
