ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा को तीसरा एक्ससटेंशन देने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने पूछा कि अगर उनको कल रिटायर होना हो और उनके पास कोई केस पेंडिंग हो तो क्या उनको एक्सटेंशन मिलेगा? जवाब मिला- दो साल का।
एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम का कहना था कि सरकार मानती है कि संजय मिश्रा कई ऐसे मामलों की पैरवी कर हैं जो काफी अहमियत वाले हैं। लिहाजा उनको तीसरा एक्सटेंशन देना सही है। एडवोकेट का कहना था कि वो मानते हैं कि ईडी जैसी अहम एजेंसी को इंडिपेंडेंट रखना बेहद ज्यादा जरूरी है। उनका कहना था कि ईडी देश भर के कई राज्यों में जांच करती है। अगर डायरेक्टर को ऐसे एक्सटेंशन मिलते रहे तो सवाल तो खड़े होंगे।
सॉलीसिटर जनरल ने डायरेक्टर को एक्सटेंशन देने के फैसले का किया बचाव
सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने संजय मिश्रा को एक्सटेंशन देने के मसले पर कहा कि वो ये नहीं कहते कि मिश्रा के न रहने से महकमा कमजोर हो जाएगा। लेकिन उनका ये मानना है कि उनके रहने से कामकाज ज्यादा इफेक्टिव होगा। उनका कहना था कि अभी फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) का रिव्यू होना है। संजय मिश्रा का एजेंसी में बने रहना बहुत जरूरी है। FATF ग्लोबल एंटी मनी लांड्रिंग फाइनेंशियल वॉच डॉग है। मेहता बोले कि नए ईडी डायरेक्टर का चयन बेहद मुश्किल काम है, क्योंकि ये पोस्ट प्रमोशनल नहीं है। आईएएस, आईआरएस और आईपीएस अफसरों के पूल से एक योग्य अफसर को छांटना होता है। डायरेक्टर बनने वाले शख्स को कम से कम एडिशनल चीफ सेक्रेट्री की पोस्ट पर रहना होता है।
एमीकस क्यूरी ने कहा- सरकार का फैसला गैरकानूनी
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच के सामने एमीकस क्यूरी केवी विश्वनाथन ने माना कि संजय मिश्रा को एक्सटेंशन देने के लिए सरकार ने जिस तरह से कानून पास कराया वो गलत है। उनका कहना था कि उनको मिला सेवा विस्तार गैरकानूनी है।
एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि आज की तारीख में ईडी बेहद ताकतवर है। ईडी के पास 95 फीसदी केस ऐसे हैं जो विपक्षी नेताओं से जुड़े हैं। अगर डायरेक्टर को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिए जाते रहे तो एजेंसी की साख पर बट्टा लगेगा। ध्यान रहे कि ईडी डायरेक्टर को सरकार ने तीसरा सेवा विस्तार दिया है। इसके लिए कानूनों में संशोधन तक कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के तीन जस्टिसों की बेंच ऐसी कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही है, जिसमें संजय मिश्रा को दिए गए तीसरे एक्सटेंशन पर सवाल खड़े किए गए हैं।