संसद में अशोभनीय व्यवहार करने और चेयर की अवमानना करने के मामले में राज्यसभा के 20 और लोकसभा के चार सदस्यों को निलंबित किया गया है। इस तरह, कुल 24 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए सभी सांसद 50 घंटे के धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं, सांसदों के धरने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कहा कि अगर निलंबित विपक्षी सांसद माफी मांग लें और आश्वासन दें कि वे सदन में तख्तियां नहीं दिखाएंगे तो आसन उनके निलंबन को वापस ले सकता है।

प्रह्लाद जोशी ने कहा, “जो लोग अपनी गलती स्वीकार करते हैं और माफी मांगते हैं वे महान होते हैं। अगर वे इस तरह का अहंकार दिखाते हैं तो हम क्या कह सकते हैं? अगर वे यहां बैठे हैं, तो हम उन्हें बताना चाहेंगे कि हमें आपकी सेहत की चिंता है। सुबह से शाम तक यहीं बैठो, फिर घर जाकर आराम करो। अगले दिन वापस आएं और फिर अपना विरोध जारी रखें। जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है तो जनता आपके इस आचरण को देख रही है। ये सही नहीं है।”

जोशी ने कहा, ‘‘हम कहते आ रहे हैं कि सरकार महंगाई पर चर्चा को तैयार है और आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड से उबरने के बाद कामकाज फिर से संभाल लिया है।’’ उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष चाहे तो आज से ही चर्चा शुरू करा सकते हैं।

शुक्रवार शाम पांच बजे तक धरने पर बैठेंगे निलंबित सांसद

आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “निलंबित सांसद शुक्रवार शाम पांच बजे तक धरने पर बैठेंगे। इस दौरान कुछ महिला सांसद और बुजुर्ग सांसद शिफ्ट के हिसाब से बैठेंगे।” इससे पहले, बुधवार को लोकसभा में एनसीपी, डीएमके और टीएमसी के नेताओं ने कांग्रेस के चार सदस्यों का निलंबन वापस लिये जाने की मांग की। इस पर जोशी ने कहा कि क्या विपक्ष के नेता इस बात की गारंटी देंगे कि फिर से सदन में तख्तियां नहीं दिखाई जाएंगी।