नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार (2 मई, 2023) को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का भी फैसला किया है। हालांकि, उनके इस फैसले से पार्टी के नेता खुश नहीं हैं। जैसे ही शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान किया तो उनके समर्थक खड़े हो गए और उनसे अपना फैसला वापस लेने का आग्रह करने लगे।
उन्होंने कहा, “राज्यसभा में मेरा तीन साल का कार्यकाल बाकी है। मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैंने अपना राजनीतिक जीवन 1 मई, 1960 को शुरू किया था। कल हमने मई दिवस मनाया। इतने लंबे राजनीतिक करियर के बाद कहीं रुकने के बारे में सोचना चाहिए। किसी को लालची नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि आगे की रणनीति तय करने के लिए एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति बनाई जाए। उन्होंने कहा, “समिति में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अवध, हसन मुश्रीफ, जयदेव गायकवाड़, धनंजय मुंडे और पार्टी फ्रंटल सेल के प्रमुख शामिल होंगे। “
उनकी घोषणा के बाद, पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता काफी दुखी हैं और उन्होंने नारेबाजी करते हुए मांग की कि एनसीपी सुप्रीमो को अपना फैसला वापस ले लें। पार्टी नेताओं ने कहा, “हम साहेब के फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। हम आपसे इसे वापस लेने का आग्रह करते हैं। जब तक आप ऐसा नहीं करेंगे, हम आगे नहीं बढ़ेंगे।”
उन्होंने कहा, “वह तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देंगे, लेकिन मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि वह आप सभी से उतना ही जुड़े हैं जितना किसी चीज से। मैं उनसे सभी की ओर से फैसला वापस लेने का अनुरोध करता हूं। प्रदेश और देश को शरद पवार जी के नेतृत्व की जरूरत है।”
इस पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “शरद पवार साहब द्वारा लिया गया फैसला हमारे लिए भी चौंकाने वाला है। हम भी यही चाहते हैं कि वह संन्यास ना लें। हम जानते हैं कि उम्र की पाबंदियां होती हैं लेकिन उनकी उपस्थिति भी बहुत मायने रखती है। उन्हें एनसीपी कैडर की भावनाओं को भी समझना चाहिए और हम भी अपील करते हैं कि उन्हें अपना संन्यास लेने का फैसला वापस लेना चाहिए।”