उत्तर-पूर्वी मानसून से निपटने को लेकर उनकी सरकार पर विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मंगलवार को लोगों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि वे हर वक्त उनका साथ देंगी और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
खुद को लोगों की ‘प्रिय बहन’ बताते हुए अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा कि उनका दिमाग हमेशा लोगों के इर्दगिर्द ही घूमता है। पार्टी के एक बयान में उन्होंने कहा कि मैं हर वक्त आपके साथ रहूंगी, चिंता न करें।
उत्तर-पूर्वी मानसून से निपटने के तरीकों को लेकर द्रमुक सहित विपक्षी पार्टियां अन्नाद्रमुक पर हमले कर रही हैं। आलोचना खासतौर से, चेंबरमबक्कम जलाशय से अडियार नदी में पानी छोड़ने को लेकर हो रही है। उनका दावा है कि इस वजह से ही शहर में बाढ़ आई।
विपक्षी पार्टियों ने लालफीताशाही का आरोप लगाया है। द्रमुक ने न्यायिक जांच की मांग को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल के रोसैया का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, माकपा और पीएमके ने भी मामले की जांच के लिए जांच आयोग की मांग की है।
सरकार ने कुछ भी गलत होने से इनकार किया है और मुख्य सचिव के ज्ञानदेसिकन ने विपक्ष के इन ‘दुर्भावनापूर्ण’ आरोपों को खारिज किया है कि अधिक पानी को छोड़ने के लिए अधिकारी मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजतार कर रहे थे।
जयललिता ने उन सभी का धन्यवाद किया है जो निस्वार्थ समर्पण के भाव से बाढ़ राहत गतिविधियों में लगे हुए थे। जया ने कहा कि बाढ़ राहत गतिविधियों के लिए अन्नाद्रमुक के विधायक और सांसद अपनी एक माह की तनख्वाह का योगदान देंगे।
तमिलनाडु की 234 सदस्य विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 150 विधायक हैं जबकि संसद के दोनों सदनों में उसके 49 सदस्य हैं।
जयललिता ने हाल की बाढ़ को ‘असाधारण’ बताया है जिसने 300 से ज्यादा लोगों की जान ली है और काफी तबाही मचाई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बाढ़ राहत का काम तेजी से कर रही है।