तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शहर की टॉपर रही 15 साल की एक बच्ची की मौत घर में आग लगने से हो गई। उसे बचाने की पूरी कोशिशें की गई लेकिन आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। इस हादसे में पहले ही उसके दादा और दादी अपनी जान गंवा चुके थे। स्कूल की टॉपर रही श्रुति गुप्ता को अग्निशमन और पुलिस कर्मियों ने पहली मंजिल पर अपने कमरे में बेहोशी की हालत में निकाला था। उसे बचाने के लिए बड़े पैमाने पर क्राउडफंडिंग की कोशिश की गई थी, लेकिन पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल सकी और पैसा जमा नहीं हो सका था।
इस बारे में जानकारी देते हुए मजलिस बचाओ तहरीक के नेता अमजद उल्लाह खान ने बताया कि बच्ची की हालत आईसीयू में बिगड़ गई थी।
‘बच्ची के लिए कोई आगे नहीं आया’
मजलिस बचाओ तहरीक के नेता अमजद उल्लाह खान ने बताया कि शुक्रवार देर रात आग लगने के बाद वह बेहोश हो गई थी और उसे गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह उसने अंतिम सांस ली। दुखद बात यह है कि इतनी अपील के बावजूद किसी ने इस प्रतिभाशाली लड़की की मदद नहीं की। क्राउडफंडिंग से केवल 1 लाख रुपये ही जुटाए जा सके, जिसका इस्तेमाल दवाओं के लिए किया गया, जबकि जरूरत ज़्यादा थी।
खान ने कहा, “कुछ मामलों में हम कम से कम 5 लाख रुपये जुटा लेते हैं लेकिन श्रुति के मामले में हमें 2 लाख रुपये जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। ज़्यादातर डोनेशन सिर्फ 100 रुपये के थे।”
श्रुति के चाचा गणेश लाल ने कहा कि उनके पास अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा, “उसकी हालत बिगड़ गई और हमने उसे गांधी अस्पताल में भर्ती कराया। उसने अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष किया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।”
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को श्रुति की हालत पर ध्यान दिया था और अधिकारियों को उसके लिए सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
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श्रुति की मां की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी और उसके पिता उसे उसके दादा-दादी के पास छोड़कर दक्षिण अफ्रीका चले गए थे। सोमवार की रात को उनके एक मंजिला घर की रसोई में आग लगी थी और परिवार ने दिवाली के लिए जो पटाखे खरीदे थे, वे भी आग की चपेट में आ गए। श्रुति के दादा-दादी मोहल लाल गुप्ता (58) और उनकी पत्नी उषा गुप्ता (55) की मौत धुएं के कारण हो गई, उन्हें यशोदा अस्पताल ले जाया गया था।