हैदराबाद के एक स्कूल को सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल अचानक उस वक़्त सोशल मीडिया में यूजर्स के निशाने पर आ गया जब एक शख्स ने इस स्कूल में लगे एक होर्डिंग की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। इस होर्डिंग में तीन साल की उम्र के बच्चों के बच्चों की तस्वीर उनके मार्क्स के साथ लगी थी। स्कूल ने बच्चों के रिजल्ट को कुछ इस कदर सीरियस लिया कि क्लास के टॉपर बच्चों की फोटो इस तरह होर्डिंग में छपवा दी।
स्कूल ने ये होर्डिंग एक विज्ञापन के रूप में लगाया था। इसमें स्कूल का नाम बड़े लाल फॉन्ट में ‘प्रिया भारती हाई स्कूल’ लिखा हुआ है। इस होर्डिंग में नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी और पहली कक्षा के बच्चों की तस्वीर लगी हुई हैं। हर नाम के नीचे उनके द्वारा प्राप्त किये गए अंक 10, 9.8, 9.7 लिखे हैं। इस तस्वीर को एक क्रिस याधु नाम के ट्विटर यूज़र ने साझा की। क्रिस ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा नर्सरी टॉपर्स! किस लिए? किसने सबसे तेज़ दूध पिया?”
यूजर्स का कहना है कि इन तस्वीरों के ज़रिये बच्चों में शुरू से अनहेल्दी कम्पटीशन की भावना डाली जा रही है। अभी से उन्हें एक रेस में डालना उचित नहीं है। लेकिन विद्यालय ने अपना क्लास दिखाने के लिए बाकायदा पोस्टर छपवाकर शहर के हर हिस्से में लगवा दिए हैं, और इन्ही पोस्टरों को लेकर स्कूल की फजीहत हो रही है, लोग ट्विटर पर इसके स्क्रीनशॉट लेकर शेयर कर रहे है, और मजेदार कैप्शन लिख रहे है।
एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा “हास्यास्पद, उन्हें खेलने और मज़े करने दो। हमें देश में प्री-स्कूलों के लिए विनियामक तंत्र की तत्काल आवश्यकता है। फ्रांस के भारत के पूर्व राजदूत डॉ मोहन कुमार ने ट्वीट किया, “हमारी प्राथमिक विद्यालय प्रणाली कितनी गलत है यह आपको बताता है।” एक यूजर ने लिखा इस तरह के स्कूलों को बैन कर देना चाहिए।