Hyderabad Case Encounter Today News Updates: तेलंगाना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, हैदराबाद एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों के शवों को 9 दिसंबर रात 8 बजे तक सुरक्षित रखा जाएगा। इस दौरान आरोपियों के शवों को परिवारों को नहीं सौंपा जाएगा। वहीं हैदराबाद पुलिस ने एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर कहा है कि हम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य सरकार या किसी भी अन्य संगठन के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं।
हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर तेलंगाना सरकार के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने कहा है कि इस एनकाउंटर का श्रेय सीएम केसीआर को मिलना चाहिए। तलसानी ने कहा कि सरकार पर तत्काल कार्रवाई का दबाव था और अदालत के जरिए न्यायिक प्रक्रिया हमेशा चलती रहती। तलसानी ने कहा कि जो भी हुआ, वह ऊपर से अनुमति के बिना नहीं हुआ होगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर कर पुलिस कार्रवाई में हुई मौतों की उसके पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की मांग की है। इस बीच तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ उनके साथ गए पुलिसवालों पर ‘‘हमला’’ करने का मामला दर्ज किया गया है।।


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सात सदस्यीय दल ने शनिवार को उस जगह का दौरा किया जहां पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी कथित मुठभेड़ में मारे गए थे।
पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के बीच मारे गए आरोपियों में से एक की पत्नी शनिवार (7 दिसंबर, 2019) नारायणपेट जिले में स्थित अपने गांव में कुछ अन्य लोगों के साथ सड़क पर बैठ गई और चक्का जाम किया। उसका आरोप था कि उसके साथ नाइंसाफी हुई है। मारे गए आरोपी पत्नी ने कहा, ‘गलती करने पर कितने लोग जेल में हैं...उन्हें भी उसी तरह गोली मार दी जाना चाहिए जैसे इन्हें (महिला पशुचिकित्सक मामले के आरोपी) मारी गई...हम तब तक शवों को नहीं दफनाएंगे..।’
पुलिस ने बताया था कि दो आरोपियों ने उनके हथियार छीनकर उन पर गोलियां चलाई और बाकी के आरोपियों ने पत्थर तथा डंडों से हमला किया जिसमें दो पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद पुलिस को ‘‘जवाबी’’ कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस पीड़िता का फोन बरामद करने घटना की पुनर्रचना के लिए आरोपियों को मौका-ए-वारदात पर लेकर गई थी। लगातार दूसरे दिन लोगों के समूहों ने यहां सार्वजनिक रूप से पुलिस कार्रवाई पर खुशी जताई तथा पुलिस और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की प्रशंसा में नारेबाजी की।
हैदराबाद में बलात्कार और हत्या के आरोपियों का पुलिस द्वारा एनकाउंटर के मामले पर तेलंगाना सरकार के मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस पूरी कार्रवाई का श्रेय राज्य के 'मुख्यमंत्री को दिया जाना चाहिए।' तेंलगाना राष्ट्र समिति की सरकार में मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने कहा है कि 'तत्काल कार्रवाई के लिए दबाव था' और अदालत के जरिए 'भारतीय न्यायिक प्रक्रिया हमेशा चलती रहती।' उन्होंने कहा, 'इसका क्रेडिट मुख्यमंत्री को जाता है।'
महबूबनगर के सरकारी अस्पताल के शवगृह में रखे आरोपियों के शवों की जांच की गई। पोस्टमार्टम करने वाले दल में शामिल एक विशेषज्ञ ने कहा कि एनएचआरसी के दल ने यह देखा कि क्या पोस्टमार्टम तय प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किया गया है। इसके अलावा दल की जांच में कुछ अन्य पहलु भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो दिनों में तैयार की जाएगी। इसबीच कथित मुठभेड़ को लेकर उच्चतम न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं भी दायर की गईं।
तेलंगाना सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री ने पशु चिकित्सक संग गैंगरेप और उसकी हत्या के आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत को जायज ठहराया है। मंत्री ने शनिवार (7 दिसंबर, 2019) को कहा कि जो कोई क्रूर तरह से अपराध करता है वो इस तरह के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बारे में सोच सकता है। स्थानीय टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में राज्य के पशुपालन मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने कहा, 'यह एक सबक है। अगर आपका आचरण गलत है तो आप किसी भी अदालती मुकदमे, जेल की सजा या बाद की जमानत से लाभान्वित नहीं होंगे। अब ऐसा कुछ नहीं होगा। इसके जरिए हमने एक संदेश भेजा है कि अगर ऐसा कुछ करते हैं जो बहुत गलत और क्रूर है तो एनकाउंटर होगा।'
उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी हैदराबाद और उन्नाव की तरह जघन्य गैंगरेप का मामला सामने आया है। आरोप है कि पुलिस में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई ना होने पर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सात सदस्यीय दल ने शनिवार को उस जगह का दौरा किया जहां पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी कथित मुठभेड़ में मारे गए थे। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर कर पुलिस कार्रवाई में हुई मौतों की उसके पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की मांग की है। इस बीच तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ उनके साथ गए पुलिसवालों पर ‘‘हमला’’ करने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ पुलिसर्किमयों पर ‘हमला’ करने का मामला दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), धारा 176 और भारतीय शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों आरोपियों के साथ गए पुलिस दल के प्रभारी की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।
20 और 26 साल की आयु के बीच के चारों आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के इस जघन्य मामले के सामने आने के बाद दोषियों को त्वरित सजा की मांग तेज हो गई है। पुलिस की कार्रवाई को लेकर हालांकि राजनेताओं और महत्वपूर्ण लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि इससे जहां दोषियों को सख्त संदेश जाएगा तो वहीं अन्य पुलिस के दावे पर सवाल उठा रहे हैं और इसे ‘‘न्यायेतर हत्या’’ बताकर इसकी निंदा कर रहे हैं।