US Attack On Iran: अमेरिका ने ईरान में 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ। अमेरिका के ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले को लेकर डिफेंस एक्सपर्ट प्रफुल बख्शी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि ईरान अब समझ गया है कि अमेरिका गंभीर है। एक बार अमेरिका को अपना शिकार मिल जाए, जैसा कि उसने इराक में किया, भले ही शिकार की कोई गलती न हो, शिकारी वही करेगा जो वह करता है; राष्ट्रपति ट्रंप ऐसा करते रहेंगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में डिफेंस एक्सपर्ट प्रफुल बख्शी ने कहा, ‘सबसे बड़ा पहलू तो ये है कि ईरान को पता चल गया है कि अमेरिका सीरियस है। एक बार जब अमेरिका ने अपना शिकार ढूंढ लिया जैसे कि इराक को ढूंढा था तो उसके ऊपर अटैक शुरू किया था। अब चाहे शिकार की गलती हो या ना हो शिकारी शिकार करेगा। ये शिकारी ट्रंप ने अपना काम शुरू कर दिया है। जैसा कि आपने इराक की दो लड़ाइयों में देखा था। अब यह लड़ाई कहां पर जाकर रूकती है यह दूसरी बात है। मेरे ख्याल से वो इतना तबाह हो गया होगा कि अब वो ठीक होने में बहुत ज्यादा समय लगाएगा।’

ईरान-इजरायल टकराव में कूदा अमेरिका

ईरान के समर्थकों को भी कड़ी चेतावनी – डिफेंस एक्सपर्ट

डिफेंस एक्सपर्ट ने आगे कहा, ‘उसको बिल्कुल नाकामयाब करके उसकी फोर्स से कह दिया है और मैसेज दे दिया है ईरान को देखिए अभी भी आप लाइन पर आ जाइए। इसके बाद मैं कोई और मिलिट्री एक्शन नहीं कर रहा हूं। पर अगर आपने नहीं किया तो मैं कुछ कह नहीं सकता। कहने का मतलब है कि उसे चेतावनी दे दी है कि अभी भी आप बाज आ जाओ। ये ईरान के लिए बहुत बड़ी चेतावनी है। ये ईरान के लिए ही नहीं बल्कि उसके समर्थकों के लिए भी बहुत ही बड़ी चेतावनी है। चीन और रूस दोनों के लिए ही बहुत बड़ी चेतावनी है। ये दोनों ही ईरान को सपोर्ट कर रहे हैं। इजरायल को पता चल गया है कि अमेरिका उसके साथ में है। मगर वर्ल्ड अब दो पहलूओं में डिवाइड होता हुआ नजर आ रहा है। एक तो चाइनीज और रूस की लॉबी है और दूसरी अमेरिका की लॉबी है। ऐसा करने से अमेरिका के कई और भी प्रॉब्लम साल्व होती हैं। जैसे नाटो देशों का उसके प्रति और ज्यादा आकर्षित होना।’

इजरायल और ईरान हमारे मित्र – प्रफुल पटेल

प्रफुल बख्शी ने आगे कहा, ‘दूसरा पहलू मैं यह बताना चाहता हूं कि जेनेवा संधि के तहत एक न्यूक्लियर पॉवर प्लांट और जो डाइस होती है। उनके ऊपर अटैक करना प्रतिबंधित है। उसको डेंजर्स फोर्स कहते हैं। बशर्ते की वो न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लड़ाई में ना इस्तेमाल हो मतलब कि उसमें वहां से कोई वेपन लॉन्च नहीं हो।’ प्रफुल बख्शी ने कहा कि यह भारत के लिए, यह अधिक सतर्क रहने का समय है। ईरान और इजरायल दोनों हमारे मित्र हैं। इजरायल के साथ हमारा भावनात्मक संबंध है। मुझे लगता है कि पीएम मोदी जैसी शख्सियत इस मुद्दे को दोनों पक्षों के साथ उठाकर इस युद्ध को समाप्त करेगी। इजरायल और ईरान संघर्ष से जुड़े तमाम बड़े अपडेट के लिए पढ़ें लाइव ब्लॉग…