ह्यूमन फ्रीडम इंडेक्स 2020, जो कि एक वैश्विक नागरिक,आर्थिक और निजी स्वतंत्रता जैसे कारकों की रैंकिंग है, गुरुवार को जारी हुई। रैंकिंग में भारत को 162 देशों में से 111वें पायदान पर रखा गया है। पिछले साल भारत की रैंकिंग 94 थी। भारत रैंकिंग के मामले में चीन और बांग्लादेश से आगे है। चीन जहां129 तो वहीं बांग्लादेश 139 पायदान पर है। न्यूजीलैंड , स्विटजरलैंड और हॉगकॉन्ग को इंडैक्स में ऊपर के तीन पायदान क्रमश: हासिल हैं। फैड मैकमोहन और इयैन वासक्वैज जिन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है, ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में चीन के हस्तेक्षेप की वजह से हॉन्गकॉन्ग की रैंक कम हो सकती है। भारत ने जहां निजी स्वतंत्रता के मामले में 10 में से 6.3 स्कोर किया है वहीं आर्थिक स्वतंत्रता के मामले में 6.56 स्कोर किया है। भारत का कुल ह्यूमन फ्रीडम स्कोर 6.43. रहा।
इस इंडैक्स को अमेरिकी थिंक टैंक कैटो इंस्टीट्यूट ने कनाडा के फ्रेजर इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर जारी किया है। इ्ंडैक्स में 76 इंडीकेटर का इस्मेमाल किया है जो कि निजी, नागरिक और आर्थिक स्वतंत्रता के बारे में बताते हैं। संस्थान ने नोटिस किया कि साल 2018 से विश्व में मानव स्वतंत्रता में कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कुछ समय में कुल मिलाकर स्वतंत्रता में भी गिरावट आई है। 12 प्रमुख श्रेणियां जिन्हें रिपोर्ट में मापा जाता है की पांच श्रेणियों में गिरावट देखी गई है। जिसमें धर्म, पहचान और रिश्ते की स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था शामिल हैं।
अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम इंडैक्स में एक साथ 17 वें स्थान पर हैं। युद्धग्रस्त सीरिया ने सूची में आखिरी स्थान हासिल किया। यह रिपोर्ट स्वतंत्रता और समृद्धि के बीच एक मजबूत, सकारात्मक संबंध को खोजती है लेकिन रिपोर्ट में पाया गया कि दुनिया में स्वतंत्रता हर जगह एक सी नहीं है। सबसे स्वतंत्रन और सबसे कम स्वतंत्र देशों के बीच स्वतंत्रता का अंतर भी 2008 से बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि भारत में कई फ्रीडम इंडैक्स में गिरावट देखी गई है। इस साल अक्टूबर में फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट ने बताया कि भारत में इंटरनेट की स्वतंत्रता 2019-20 में लगातार तीसरे साल कम हुई है। भारत में दुनिया में सबसे अधिक इंटरनेट पर पाबंदी लगती है। खास बात ये है कि इसमें केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर शामिल नहीं है।
सितंबर में जारी ग्लोबल इकोनॉमिक फ़्रीडम इंडेक्स 2020 में भारत को 79वें पायदान से 105वें पायदान पर ढकेल दिया गया। कनाडा के फ्रेज़र इंस्टीट्यूट ने नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी के सहयोग से रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में बेहतर आर्थिक स्वतंत्रता की संभावना आर्थिक सुधार पर निर्भर करती है कि भारत वैश्विक व्यापार के लिए कितना खुला रहता है। अप्रैल में जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत को दो पायदान नीचे खिसकते हुए 180 देशों में से 142 वां स्थान मिला था।