प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को बड़ा खुलासा हुआ है। कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में इस मिशन के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया। बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने यहां एक शौचालय बनाने पर लगभग 20 लाख रुपए खर्च कर दिए, जबकि दूसरे मद में करोड़ों रुपए अन्य कामों के नाम पर बहाए गए। बीबीएमपी को केंद्र सरकार से स्वच्छ भारत मिशन के लिए 154 करोड़ रुपए मिले थे, जिसका 80 फीसदी हिस्सा इस मिशन के लिए इस्तेमाल ही नहीं हुआ।
घोटाले से जुड़ा खुलासा सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट में किया गया। याचिकाकर्ता एस.अमरेश ने चैनल से दावा किया कि मिशन के दिशा-निर्देश के मुताबिक ये रकम शौचालयों का निर्माण पर खर्च की जानी थी। साथ ही लोगों के उनके जरिए जागरूकता किया जाना था। पर मामले की जमीनी हकीकत कुछ और ही।
याचिकाकर्ता ने बताया, “स्वच्छ भारत कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार ने बीबीएमपी को 154 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था। लेकिन उन्होंने 80 फीसदी रकम और कामों के लिए इस्तेमाल की। इन्होंने कब्रिस्तान की दीवार, सड़क और अन्य चीजें उस रकम के जरिए बनाईं, जबकि मिशन के अंतर्गत शौचालय बनाए जाने थे।”
देखें चैनल से क्या बोले याचिकाकर्ता –
#BREAKING | CNN-News18 #Exclusive – 80 per cent of the amount was used for some other purpose and not for @swachhbharat. As per Swachh Bharat guidelines, the toilet was to be made and make the public aware, says petitioner exclusively to CNN-News18. #BBMPScam pic.twitter.com/KnylbHbqva
— News18 (@CNNnews18) August 9, 2018
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में इससे पहले स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना में तकरीबन 48 लाख रुपए का घोटाला सामने आया था। मामले में ग्राम प्रधान और सचिवों ने मिलकर इस रकम की चपत लगाई थी। 2014 से 15 के बीच बनाए गए शौचालय पंचायतों में ढूंढे जाने पर भी नहीं मिले, जिसकी वजह से उनकी भू-टैगिंग भी नहीं हो सकी थी। मामला सामने आने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने जांच की बात कही थी।
आपको बता दें कि देश में साफ-सफाई के प्रयासों और स्वच्छता पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र ने स्वच्छ भारत मिशन लॉन्च किया था। साल 2014 में दो अक्टूबर (महात्मा गांधी की जयंती) को इसकी शुरुआत की गई थी। मिशन का उद्देश्य- महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ को सही से श्रद्धांजलि देते हुए 2019 तक साफ-सुथरे देश की प्राप्ति करना है।