Puri Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा के दौरान उमड़ा जनसैलाब प्रशासन के लिए मुश्किल का सबब बना है। इस भीड़ की वजह से 600 के करीब लोगों को चोटें आई हैं, कुछ ज्यादा घायल भी बताए जा रहे हैं। असल में शुक्रवार को एक साथ महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथ यात्रा निकली थी। उस यात्रा में शामिल होने के लिए सैकड़ों की भीड़ इकट्ठा हुई।

आखिर कैसे भगदड़ जैसी स्थिति बनी?

अब एक तरफ भीषण गर्मी और दूसरी तरफ जरूरत से ज्यादा लोग, दोनों ही कारणों की वजह से कई श्रद्धालु घायल हुए, कुछ बेहोश तक हो गए। इसके ऊपर भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ को खींचने में भी लोगों के पसीना छूट गए, किसी वजह से रथ फंस सा गया था और एक मोड़ पर उसे आगे खींचना मुश्किल हो रहा था। इस कारण से भी यात्रा काफी धीमी हो गई और लोगों की भीड़ बढ़ती गई।

आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन की चुनौतियां ज्यादा इसलिए भी बढ़ गईं क्योंकि कई श्रद्धालु अति उत्साह में प्रतिबंधित क्षेत्र तक में घुस गए थे। उस वजह से यात्रा को सुचारू रूप से आगे चलाना मुश्किल हो रहा था। 600 के करीब लोगों को पुरी के ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। राहत की बात यह है कि समय रहते स्थिति पर नियंत्रण कर लिया गया और भगदड़ नहीं मची।

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों है इतनी खास

ओडिशा सरकार ने क्या बताया?

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान कुछ लोगों के बेहोश होने की खबरों पर ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि अधिक नमी के कारण एक-दो भक्त बेहोश हो गए। बचाव दल ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया… मंदिर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र हैं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए भी यहां हूं कि ग्लूकोज और पानी पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल भी जाऊंगा कि जिन लोगों को इसकी आवश्यकता है, उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है।

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