Bomb Threat Call: विमानों को बम से उड़ाने की धमकियों का सिलसिला काफी बढ़ गया है। बम रखे होने की फर्जी कॉल विमानन कंपनियों को काफी भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक इंडियन एयरलाइंस को करोड़ो रुपये का चूना लग चुका है। अपने तय डेस्टिनेशन तक यात्रा करने में विमान का खर्च तय होता है, लेकिन इसमें किसी तरह का बदलाव होने पर इसमें बढ़ोतरी होती है।

आपातकालीन लैंडिंग की वजह से और भी कई सारे खर्चे विमानन कंपनियों के बढ़ जाते हैं। इसमें एयरपोर्ट पर विमान का पार्किंग शुल्क भी देना पड़ता है और किसी यात्री की अगर कोई कनेक्टिंग फ्लाइट होती है तो उसका मुआवजा भी एयरलाइन यात्री को देती है। इतना ही नहीं ज्यादा क्रू मेंबर्स को ड्यूटी पर तैनात करना होता है। साथ ही ज्यादा ईंधन की भी खपत होती है। एक फर्जी कॉल की वजह से करीब 3 करोड़ रुपये का खर्च एयरलाइन का होता है।

फ्लाइट में बम की फर्जी धमकी के मामलों में इजाफा

अब 14 अक्टूबर का ही एक उदाहरण लेते हैं। मुंबई से न्यूयॉर्क के JFK एयरपोर्ट के लिए एयर इंडिया के एक विमान ने उड़ान भरी थी। ये बोइंग 777 विमान लगभग 130 टन जेट फ्यूल के साथ 16 घंटे की नॉन-स्टॉप यात्रा के लिए न्यूयॉर्क रवाना हुआ। उड़ान भरने के तुरंत बाद में एयरलाइन को एक कॉल आई और इसमें कहा गया कि विमान में बम है। इसके बाद हड़कंप मच गया और न्यूयॉर्क जा रहे विमान को तुरंत डायवर्ट किया गया। इस दौरान सुरक्षित लैंडिंग की कोशिश में विमान को करीब 100 टन जेट फ्यूल लगाना पड़ा। टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले ईंधन की बर्बादी की लागत 1 करोड़ रुपये बैठती है।

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यह वित्तीय आतंकवाद की तरह?

एयरलाइंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विमान में बम की धमकियों को वित्तीय आतंकवाद के तौर पर देखा जाना चाहिए। इससे एयरलाइन के संचालन पर काफी असर पड़ता है। इतना ही नहीं आर्थिक बोझ भी पड़ता है। अधिकारी ने कहा कि इस तरह की धमकियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। यात्रियों को खौफ से भी बचाया जा सके और विमान कंपनियों को भी भारी आर्थिक नुकसान भी ना झेलना पड़े।

सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए?

सरकार भी इन फर्जी कॉल और धमकियों से काफी परेशान हो चुकी है। इसी को देखते हुए कुछ एहतियात के तौर पर कदम भी उठाए जा रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इस तरफ इशारा किया कि इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय नियमों में संशोधन पर काम कर रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसके अलावा मंत्रालय बम की धमकी के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को नो-फ्लाई सूची में रखने पर भी विचार कर रहा है।