देश की राजनीति में डेमोग्राफी चेंज भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, कई सीमावर्ती राज्यों को लेकर आरोप लगते हैं कि वहां पर साजिश के तहत डेमोग्राफी बदली जा रही है। वहां भी सबसे ज्यादा आरोप इस बात के रहते हैं कि बांग्लादेश, म्यांमार से आए अवैध घुसपैठियों को उन राज्यों का वोटर बना दिया जाता है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर इस मुद्दे को चुनावी मौसम में उठाया है।

असम में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ के जरिए जनसांख्यिकी को बदलने की साजिशें चल रही हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। इसलिए अब एक राष्ट्रव्यापी जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने की जरूरत है। मोदी ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उसने घुसपैठ को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था और अब वह उन्हें स्थायी रूप से बसाना भी वही चाहती है।

इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्रचीर से भी पीएम मोदी ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि सोची समझी साजिश के तहत डेमोग्राफी को बदला जा रहा है, ये घुसपैठिए नौजवानों की रोटी छीन रहे हैं। बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं। पीएम ने आगे कहा था कि जब डेमोग्राफी बदलती है, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संकट बन जाता है। सामाजिक तनाव के बीज बोए जाते हैं। हम अपने देश को किसी दूसरे के हवाले नहीं कर सकते हैं… हमे स्वतंत्र भारत दिया गया है, ऐसे में इन हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अब डेमोग्राफी चेंज के जब आरोप लगते हैं तब सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की होती है कि आखिर देश में मुस्लिम आबादी कितनी ज्यादा बढ़ चुकी है। इस सवाल का जवाब भी सिर्फ कुछ आंकड़ों के जरिए ही मिल सकता है। देश में आखिरी बार 2011 में जनगणना हुई थी, उस रिपोर्ट से पता चला था कि आजादी के बाद मुस्लिम आबादी में इजाफा हुआ है, वहीं हिंदुओं की आबादी कुछ घटी है।

राज्य / केंद्रशासित प्रदेशकुल जनसंख्यामुस्लिम जनसंख्यामुस्लिम %
लक्षद्वीप64,47362,26896.58 %
जम्मू और कश्मीर12,541,3028,567,48568.31 %
असम31,205,57610,679,34534.22 %
पश्चिम बंगाल91,276,11524,654,82527.01 %
केरल33,406,0618,873,47226.56 %
उत्तर प्रदेश199,812,34138,483,96719.26 %
बिहार104,099,45217,557,80916.87 %
झारखंड32,988,1344,793,99414.53 %
उत्तराखंड10,086,2921,406,82513.95 %
कर्नाटक61,095,2977,893,06512.92 %
दिल्ली16,787,9412,158,68412.86 %
महाराष्ट्र112,374,33312,971,15211.54 %
गुजरात60,439,6925,846,7619.67 %
आंध्र प्रदेश84,580,7778,082,4129.56 %
राजस्थान68,548,4376,215,3779.07 %
त्रिपुरा3,673,917316,0428.60 %
अंडमान और निकोबार द्वीप380,58132,4138.52 %
मणिपुर2,855,794239,8368.40 %
गोवा1,458,545121,5648.33 %
दमन और दीव243,24719,2777.92 %
हरियाणा25,351,4621,781,3427.03 %
मध्य प्रदेश72,626,8094,774,6956.57 %
पुडुचेरी1,247,95375,5566.05 %
तमिलनाडु72,147,0304,229,4795.86 %
चंडीगढ़1,055,45051,4474.87 %
मेघालय2,966,889130,3994.40 %
दादरा और नगर हवेली343,70912,9223.76 %
नागालैंड1,978,50248,9632.47 %
हिमाचल प्रदेश6,864,602149,8812.18 %
ओडिशा41,974,218911,6702.17 %
छत्तीसगढ़25,545,198514,9982.02 %
अरुणाचल प्रदेश1,383,72727,0451.95 %
पंजाब27,743,338535,4891.93 %
सिक्किम610,5779,8671.62 %
मिजोरम1,097,20614,8321.35 %
सोर्स: 2011 की जनगणना
राज्यकुल जनसंख्याहिंदू जनसंख्याहिंदू %
हिमाचल प्रदेश6,864,6026,532,76595.17 %
दादरा और नगर हवेली343,709322,85793.93 %
ओडिशा41,974,21839,300,34193.63 %
छत्तीसगढ़25,545,19823,819,78993.25 %
मध्य प्रदेश72,626,80966,007,12190.89 %
दमण और दीव243,247220,15090.50 %
गुजरात60,439,69253,533,98888.57 %
राजस्थान68,548,43760,657,10388.49 %
आंध्र प्रदेश84,580,77774,824,14988.46 %
तमिलनाडु72,147,03063,188,16887.58 %
हरियाणा25,351,46222,171,12887.46 %
पुडुचेरी1,247,9531,089,40987.30 %
कर्नाटक61,095,29751,317,47284.00 %
त्रिपुरा3,673,9173,063,90383.40 %
उत्तराखंड10,086,2928,368,63682.97 %
बिहार104,099,45286,078,68682.69 %
दिल्ली16,787,94113,712,10081.68 %
चंडीगढ़1,055,450852,57480.78 %
महाराष्ट्र112,374,33389,703,05779.83 %
उत्तर प्रदेश199,812,341159,312,65479.73 %
पश्चिम बंगाल91,276,11564,385,54670.54 %
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह380,581264,29669.45 %
झारखंड32,988,13422,376,05167.83 %
गोवा1,458,545963,87766.08 %
असम31,205,57619,180,75961.47 %
सिक्किम610,577352,66257.76 %
केरल33,406,06118,282,49254.73 %
मणिपुर2,855,7941,181,87641.39 %
पंजाब27,743,33810,678,13838.49 %
अरुणाचल प्रदेश1,383,727401,87629.04 %
जम्मू और कश्मीर12,541,3023,566,67428.44 %
मेघालय2,966,889342,07811.53 %
नागालैंड1,978,502173,0548.75 %
लक्षद्वीप64,4731,7882.77 %
मिजोरम1,097,20630,1362.75 %
सोर्स: 2011 की जनगणना

अब 2011 की जनगणना बताती है कि भारत के 28 राज्यों में हिंदू आबादी बहुसंख्यक है, यहां भी उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ हिंदू हैं, महाराष्ट्र में 11.2 करोड़, बिहार में 10.4 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 9.1 करोड़। मुस्लिमों की बात करें तो वे लक्षद्वीप और जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक हैं। राजनीति के केंद्र में जरूर इस समय बिहार, पश्चिम बंगाल और असम चल रहे हैं, लेकिन अगर बढ़ती मुस्लिम आबादी को समझना है, हिंदुओं की स्थिति भी जाननी है तो हमें 1951 से आकलन करना होगा। नीचे दी गई टेबल से इसे समझने की कोशिश करते हैं-

सालमुस्लिम आबादीकुल जनसंख्या में प्रतिशत
19513.5 करोड़9.80%
19614.7 करोड़10.7%
19716.1–6.2 करोड़11.2%
19818.0–8.3 करोड़11.7–11.8%
199110.1–10.7 करोड़12.6%
200113.8 करोड़13.4%
201117.2 करोड़14.2%
सोर्स: जनगणना

अब ऊपर दी गई टेबल से पता चलता है कि देश में मुस्लिम आबादी 1951 से 2011 के बीच काफी बढ़ी है। अगर जनसंख्या में प्रतिशत के लिहाज से देखें तो 1951 में तो मुस्लिम आबादी 9.80 फीसदी थी, वहीं आखिरी जनगणना (2011) में वो 14.2 फीसदी पहुंच गई। दूसरे शब्दों में इसी बात को कहें तो 1951 में देश में मुस्लिम 3.5 करोड़ थे, वहीं 2011 आते-आते उनकी संख्या 17.2 करोड़ पहुंच गई।

अब नीचे दी गई दूसरी टेबल से हिंदू आबादी का विश्लेषण करते हैं। जानने की कोशिश करते हैं कि 1951 से 2011 के बीच में हिंदुओं की आबादी में क्या परिवर्तन आया है-

सालहिंदू आबादीकुल जनसंख्या में प्रतिशत
195130.4 करोड़84.10%
196136.6 करोड़83.45%
197145.3 करोड़82.73%
198156.2 करोड़82.30%
199169.0 करोड़81.53%
200182.8 करोड़80.46%
201196.6 करोड़79.80%
सोर्स: जनगणना

अब ऊपर दी गई टेबल से पता चलता है कि इतने सालों में आबादी के मामले में तो हिंदुओं की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन कुल जनसंख्या में प्रतिशत के लिहाज से वो कम हो गई है। 1951 में 84.10% हिंदू आबादी थी, 2011 आते-आते वो आंकड़ा 79.80 फीसदी पर पहुंच गया है।

बिहार की स्थिति क्या है, कितने मुस्लिम?

बिहार में मुस्लिम आबादी का अनुपात सबसे ज्यादा सीमांचल क्षेत्र में है। बिहार के सीमांचल में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल जैसे जिले आते हैं। वर्ष 2001 और 2011 की जनगणना की ही तुलना की जाए तो पता चला है कि पूरे सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी में 30 फीसदी के करीब बढ़ी है। जनसंख्या में इस असमान्य बढ़ोतरी को लेकर ही बीजेपी डेमोग्राफी चेंज से जोड़कर देखती है और विपक्ष पर हमलावर रहती है।

असम की स्थिति क्या है, कितने मुस्लिम?

देश के ज्यादातर राज्यों में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि असम में मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा तो कह चुके हैं कि 2041 तक असम में हिंदू और मुसलमानों की आबादी एक समान हो जाएगी। 2001 और 2011 की जनगणना का तुलनात्मक विश्लेषण करने पर पता चलता है कि बीते 10 सालों में मुस्लिमों का असम में ग्रोथ रेट 29.6 फीसदी रहा है, हिंदुओं की तुलना में यह आंकड़ा 2.7 गुना ज्यादा है।

धुबरी, गुवालपाड़ा, बोंगाईगांव, बारपेटा, दरंग, नगांव और मोरीगांवयहां सात ऐसे जिलें हैं जहां पर मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हो चुकी है। समझने वाली बात यह है कि असम में इस दशक में मुसलमानों की वृद्धि दर पिछली दशक की तुलना में बढ़ी है जबकि हिंदुओं की वृद्धि दर में तेज गिरावट आई है।

पश्चिम बंगाल की स्थिति क्या है, कितने मुस्लिम?

पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेश से सटे जिलों में मुस्लिम आबादी में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2001 से 2011 के बीच में मुस्लिमों की जनसंख्या में हिस्सेदारी 25.25 से बढ़कर 27.01 फीसदी हो चुकी है। यहां भी उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों में मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है। मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के मामले में असम, केरल, उत्तराखंड के बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, वो चौथे पायदान पर है।

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