Jammu-Kashmir News: 13 फरवरी को रियाज और शौकत बजाड़ भाई कश्मीर के कुलगाम के चंदियन पजन गांव से एक चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए निकले थे। बस स्टॉप पर उनके चचेरे भाई मुख्तार अवान भी उनके साथ आ गए और तीनों लगभग 10 किलोमीटर दूर महगुंड गांव के लिए निकल पड़े। वह कभी भी अपनी डेस्टिनेशन तक नहीं पहुंचे। एक महीने के बाद रियाज और शौकत के शव दोनों गांवों के बीच एक नाले से बरामद किए। मुख्तार अभी तक लापता है।

इन मौतों की वजह से सभी लोग सकते में हैं। परिवार यह मानने से मना कर रहा है कि वे डूब गए। उनका दावा है कि सर्दी और लंबे वक्त तक सूखे की वजह से नदी सूख गई थी। पिछले हफ्ते एक वीडियो सामने आया था। इसमें एक पुलिस अधिकारी एक महिला को लात मारता हुआ नजर आता है। वह इन मौतों के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं और जांच करने की मांग कर रही थी।

पिता ने खड़े किए सवाल

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए रियाज और शौकत के पिता मोहम्मद सादिक बजाड़ ने सवाल किया, ‘कोई उस नदी में कैसे डूब सकता है जो सूखी हो? यहां तक ​​कि मेरे एक बेटे की जेब में रखे नोट भी सूख गए थे।’ उन्होंने दावा किया कि रियाज के दो दांत टूट गए थे। वहीं शौकत की आंख में जख्म था। रियाज के शरीर पर जगह-जगह छाले थे, जैसे उस पर कोई गर्म चीज डाली गई हो।

गांव वालों के मुताबिक, बजाड़ मूल रूप से जम्मू के राजौरी से है और छह साल पहले कुलगाम में बस गए थे। अवान पिछले चार दशकों से पास के परतापोरा में रह रहे हैं। सादिक ने कहा कि उनके दोनों बेटों का कोई दुश्मन नहीं है, लेकिन गांव वालों ने पहले से चली आ रही पारिवारिक कलह की बात कही। सादिक के भाई ने बताया कि चार साल पहले एक शख्स ने गांव में मुख्तार की चचेरी बहन पर हमला किया था। परिवार एफआईआर दर्ज कराना चाहता था, लेकिन स्थानीय बुजुर्गों ने मामले को सुलझाने का फैसला किया। तय हुआ कि परिवार पीड़ित के परिवार को 50 हजार रुपये देगा। आरोपी के एक रिश्तेदार को यह बात पसंद नहीं आई।

कश्मीर में दो लोगों की ‘रहस्यमय’ मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी महिला

पुलिस जांच पर भरोसा नहीं

बजाड़ा और अवान के परिवारों का कहना है कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है और वे न्यायिक जांच चाहते हैं। मुख्तार के भाई मोहम्मद जिलानी ने सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए बताया कि तीनों लोग मीरबाजार गांव के पास दिखाई दे रहे हैं। वहां एक आदमी उनका इंतजार कर रहा है और उनसे अपने पीछे आने को कह रहा है। वह कौन है? हमने पुलिस से उसका पता लगाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि वह बस ड्राइवर है। पुलिस का कहना है कि उस आदमी ने उन्हें बताया कि वे रास्ता पूछ रहे थे। जब वे हर गली जानते हैं तो वे रास्ता क्यों पूछेंगे।

उन्होंने दावा किया कि तीनों लोगों को लापता होने के बाद से उस शख्स को गांव में दो बार देखा गया था। सादिक ने दावा किया, ‘जब हमें लगा कि पुलिस मामले को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, तो हम एक मंत्री से मिलने जम्मू गए। जब ​​हम लौट रहे थे, तो एएसपी ने हमें अपने ऑफिस में बुलाया और पूछा कि हम जम्मू क्यों गए थे। संपर्क किए जाने पर एडिशनल एसपी ने कहा कि पूछताछ उनके वरिष्ठ अधिकारियों से की जानी चाहिए।

विधानसभा में भी गूंजा मुद्दा

इस घटना की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी। यहां पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि मौतों की जांच की जाएगी। संपर्क किए जाने पर कुलगाम के एडिशनल एसपी साहिल सारंगल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने पहले ही एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया है। हम एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’