केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के पैरामिलिट्री फोर्स (अर्धसैनिक बल) के जवानों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने ऐलान किया है कि जवानों को साल में 100 दिन की छुट्टी दी जाए, ताकि वे अपना वक्त परिवार के साथ बीता सकें। इसके लिए उन्होंने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और असम राइफल्स के उच्च अधिकारियों को व्यापक योजना बनाने को कहा है। उन्होंने सभी डायरेक्टर जनरल्स को दिशा-निर्देश दिया है कि वे जवानों की तैनाती के विवरण के डिजिटल बनाएं, ताकि हर एक जवान को अपने परिवार के साथ साल में 100 दिन तक रहने की सुविधा मिल सके।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और असम राइफल्स के प्रमुखों एवं महानिदेशकों को इस योजना को लागू करने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट में पैरामिलिट्री फोर्स से जुड़े अधिकारियों का कहना था कि जवानों को नजदीकी यूनिट में तैनाती की जाएगी और विशेष अनिवार्यता नहीं रहने पर उन्हें समय-समय पर परिवार के साथ समय बीताने जा सकेंगे।
इस बीच अधिकारियों का कहना है कि जब जवानों की तैनाती का डाटा डिजिटल हो जाएगा तो इनकी तैनाती और ट्रांसफर में काफी सहूलियत हो जाएगी। इसके जरिए छुट्टी और तैनाती के संबंध में जवानों की शिकायतें भी दूर की जा सकेंगी। जानकारी के मुताबिक इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए दो महीने का वक्त दिया गया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जवान औसतन अपने परिवार के साथ साल में 75 से 80 दिन बीताते हैं। इनमें 60 दिन उनकी EL होती है, जबकि 15 दिन सीएल (इसमें वीकेंड और हॉलिडे शामिल नहीं है)। जवानों को उनके दो बच्चों तक पैटरनल लीव 15 दिनों की मिलती है।
गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल के पूर्व प्रमुख केके शर्मा ने पीटीआई से बातचीत में पिछले साल कहा था कि अर्धसैनिक बलों के जवानों को साल में औसतन 75 दिन ही परिवार के साथ रहने को मिलता है और यदि 30 साल की सर्विस का आंकलन किया जाए तो वे सिर्फ पांच साल ही अपने परिवार के साथ समय बीता पाते हैं।