केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत के Regional Comprehensive Economic Partnership (RCEP) से बाहर रहने के फैसले को सही ठहराते हुए पीएम मोदी की तारीफ की है। शाह ने इसे पीएम मोदी का साहसिक फैसला बताते हुए तारीफ की है।इससे पहले नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) में शामिल ना होने के फैसले को गलत ठहराया था। उनका कहना था कि भारत के शामिल ना होने से देश में बहुराष्ट्रीय कंपनी नहीं आएगी और ना ही भारत में निवेश करेगी।
पनगढ़िया के इस तर्क पर अमित शाह ने खारिज करते हुए भारत के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने पहले ही ये साफ कर दिया है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) का हिस्सा होना भारत के लिए लाभदायक नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि जब वग क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) के बारे में सोचते हैं तो उसमें उन्हें भारत के संदर्भ में कोई हित नजर नहीं आता है और ना ही यह आत्मनिर्भर होने में मददगार साबित होता नजर आता है।
शाह ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह देश के किसानों, सूक्ष्म उद्योगों और अन्य इंड्स्ट्रीज के हितों के लिए किसी भी हद तक जाने का मद्दा रखते हैं। भारत को ऐसी किसी भी ऐसी संधि का हिस्सा नहीं होना चाहिए जहां उसके देश के किसानों और उद्यमियों के हित खतरे में हों।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में साल 2007 में भारत के हितों की रक्षा नहीं हो रही थी। उन्होंने भारत और चीन के बीच Regional Trade Agreement (RTA) करार को लेकर निशाना साधा। इसके चलते भारत और चीन के बीच व्यापार का घाटा 23 गुना बढ़ गया था। यह साल 2005 में 1.9 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2014 में 44.8 बिलियन यूएस डॉलर हो गया था। इकोनॉमिक टाइम्स में लिखे गए एक लेख में अमित शाह ने इन बातों का जिक्र किया है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भारत ने दक्षिण-पूर्वी और पूर्व एशिया के 16 देशों के बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था के लिए प्रस्तावित RCEP समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।
