दिवंगत ओलंपियन मोहम्मद शाहिद का परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से इन दिनों खफा है। हॉकी खिलाड़ी के घर वालों का आरोप है कि सरकार ने उनसे वादाखिलाफी की है, जिसके विरोध में वे लोग पद्मश्री पुरस्कार समेत अन्य सम्मान वापस करेंगे। मो.शाहिद की पत्नी परवीन ने इस बारे में एक टीवी न्यूज चैनल से बात की। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने जो बड़े-बड़े वादे किए वे आज तक नहीं निभाए।

शाहिद हॉकी में ड्रिबलिंग के जादूगर माने जाते थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश में वाराणसी के रहने वाले थे। साल 1980 में उन्होंने मॉस्को में हुए ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से स्वर्ण पदक जीता था। वह इसके अलावा अर्जुन पुरस्कार विजेता भी थे। दो साल पहले ही उनका इंतकाल हुआ था।

हॉकी खिलाड़ी के देहांत के बाद केंद्र सरकार और तत्कालीन प्रदेश सरकार के कई मंत्री उनके परिजन को दिलासा देने आए थे। उन्होंने वादे किए कि तब उन लोगों ने बड़े-बड़े वादे किए थे। पीएम की ओर से चिट्ठी भेज कहा गया था- मो. शाहिद के नाम पर राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट कराया जाएगा। मगर उनमें से एक भी वादा पूरा न किया गया।

परवीन के मुताबिक, “घर की आर्थिक हालत खस्ता होती जा रही है। विधवा पेंशन पर घर कब तक चलेगा? सरकार ने पति को इज्जत दी, सम्मान दिया। मगर आज वह नहीं है, तब इन सम्मान-पुरस्कारों का मैं क्या करूंगी?” वह मो.शाहिद को भुला दिए जाने को लेकर भी नाराज दिखीं। ऐसे में उन्होंने पति का पद्मश्री पुरस्कार, यश भारती सम्मान और अर्जुन अवॉर्ड समेत अन्य पुरस्कार पीएम को लौटाने की बात कही है।