कश्मीर में आतकंवाद को पनाह देकर उसे अशांत रखने वाले मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाउद्दीन ने कश्मीर मुद्दे के किसी भी शांतिपूर्ण राजनीतिक समाधान निकालने की कोशिश में बांधा पहुंचाने की शपथ ली है। उसने कहा है कि वह कश्मीरियों को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए ट्रेनिंग देगा जो घाटी को ‘भारतीय फौजियों की कब्रगाह’ बना देंगे। उसने इस लड़ाई को कश्मीर से बाहर ले जाने की बात कही है।
सलाउद्दीन का यह बयान उस समय आया है जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में देश की बड़ी राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल घाटी में व्याप्त तनाव को खत्म करने के लिए बैठक कर रहा है। सैयद सलाउद्दीन ने कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तरह की शांतिपूर्ण बातचीत को फिजूल बताते हुए कहा कि सिर्फ आतंकवाद ही कश्मीर विवाद का समाधान है। सैयद सलाउद्दीन ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि कश्मीर में उद्देश्यपूर्ण सशस्त्र संघर्ष छेड़ने के आलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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सैयद सलाउद्दीन ने कहा कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में आंदोलन अपने महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच चुका है। उसने कहा, ‘ये कुर्बानियां बेकार नहीं जाएंगी। वे अलगाववादियों और कश्मीर की आजादी की लड़ाई लड़नेवालों के खिलाफ बल प्रयोग कर उनके आंदोलन को और मजबूत ही करेंगे।’ उसने कहा कि जब तक भारत कश्मीर को एक ‘विवादित’ जगह नहीं मानेगा तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है। सलाउद्दीन ने चेतावनी दी है कि हिजबुल मुजाहिदीन कश्मीर के ‘संघर्ष’ को बाहर तक लेकर जाएगा।
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कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया को धोखा करार देते हुए सलाउद्दीन ने दावा किया कि पूरा इलाका अलगाववादी नेताओं के साथ है। उसने कहा, ‘मेरे हथियार उठाने का प्रमुख कारण जम्मू-कश्मीर में फर्जी और धांधली वाले चुनाव करवाना है।’ घाटी में आतंकवाद को शह देकर देने वाले सलाउद्दीन ने आत्मघाती हमलों को सही ठहराते हुए कहा, ‘अगर आंध्र प्रदेश, मद्रास, असम, नागालैंड, हरियाणा, बिहार और दिल्ली के सैनिक हमारे घरों की पवित्रता नष्ट करते हैं तो हम आत्मघाती हमले करने और इसे उचित ठहराने के लिए मजबूर होंगे।’
