विश्व हिंदू परिषद नेता साध्वी प्राची ने ‘‘लव जिहाद’’ के मुद्दे पर भड़काऊ टिप्पणी करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है और साथ ही हिंदू महिलाओं को चार बच्चे पैदा करने की सलाह देने वाले अपने बयान को सही ठहराया है।

प्राची ने कल यहां आयोजित ‘विराट हिन्दू सम्मेलन’ में कहा ‘‘वे हमारी बेटियों को लव जिहाद के माध्यम से फंसा रहे हैं ये जो 35-40… पैदा करते हैं वे लव जिहाद फैला रहे हैं….ये लोग हिन्दुस्तान को दारुल इस्लाम बनाना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा ‘‘जब मैंने टिप्पणी की तो ऐसा बवाल मचा मानो देश में भूकंप आ गया हो। मीडिया ने कहा कि तुमने चार बच्चों का बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। मैंने हिंदुओं के लिए केवल चार बच्चे पैदा करने की वकालत की थी, 40 नहीं और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि देश को इसकी जरूरत है।’’

प्राची ने सम्मेलन में चार से अधिक बच्चे पैदा करने वाले कार्यकर्ताओं को बाकायदा मंच पर बुलाकर उन्हें सम्मानित किया। साध्वी ने ऐसे लगभग 20 लोगों को नवाजा जिनके चार से अधिक बच्चे हैं। सम्मानित किये गये लोगों में से 11 संतानों के पिता द्वारिका सिंह, नौ-नौ बच्चों के पिता रामपाल सिंह और सरनाम सिंह तथा सात संतानों के पिता गिरीशचंद्र शामिल हैं।

साध्वी प्राची ने इन सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एक ही देश में दो कानून क्यों। परिवार नियोजन सिर्फ हिन्दुओं के लिये क्यों है। अगर कानून है तो वह सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिये।

प्राची ने हिन्दू धर्म में ‘घरवापसी’ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर 1400 साल पहले सब हिन्दू थे तो उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, अलगाववादी नेता यूसुफ रजा गिलानी और दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी को भी घरवापसी करनी चाहिये।

मालूम हो कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने हाल में सभी हिन्दुओं से चार-चार बच्चे पैदा करने की अपील की थी। विश्व हिन्दू परिषद नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी उनके सुर में सुर मिलाये थे। हालांकि खबरों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने साक्षी महाराज को उनके बयान के लिये फटकार लगायी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके विकास के एजेंडे पर असर डाल रहे ऐसे बयानों और विवादों को रोकने के लिये पार्टी नेताओं को हिदायत दी थी। विपक्षी दलों द्वारा इन विवादों को मोदी सरकार के हिन्दूवादी एजेंडा के तौर पर पेश किये जाने के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ऐसे बयानों को रोकने पर खास जोर दिया था। हालांकि इसके बावजूद भाजपा से जुड़े कई दक्षिणपंथी संगठनों के प्रतिनिधि जब-तब विवादास्पद बयान दे रहे हैं।

संसद के पिछले सत्र में विपक्ष ने ऐसे बयानों को लेकर सरकार पर तीखे हमले किये थे। इसकी वजह से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक लम्बित रह गये थे। विपक्ष का आरोप था कि भाजपा से जुड़े दक्षिणपंथी संगठनों के बयान सरकार की उस मंशा की तरफ इशारा करते हैं जिसके तहत वह धर्मनिरपेक्षता के प्रति संवैधानिक संकल्पबद्धता और सभी धर्मों के आदर के सिद्धांत की अवहेलना करना चाहती है।

भाजपा ने खुद को तुरंत प्राची की टिप्पणियों से अलग करते हुए कहा कि पार्टी ऐसे विचारों से सहमत नहीं है और ऐसे किसी मुद्दे पर चर्चा करने में उसकी रुचि नहीं है। भाजपा की उप्र ईकाई के प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, ‘‘भाजपा ऐसी किसी टिप्पणी से सहमत नहीं है। हमें नहीं लगता कि ये टिप्पणियां सही हैं। भाजपा सुशासन के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती और यहां तक कि जनता भी ऐसी चर्चाओं को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में ऐसी टिप्पणियों का कोई महत्व नहीं है।’’

प्राची ने कहा कि वह लव के खिलाफ नहीं हैं लेकिन ‘‘लव जिहाद’’ के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्यार के नाम पर हिंदु लड़कियों को फंसाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।’’

हिंदू महिलाओं को चार बच्चे पैदा करने की सलाह देकर पिछले महीने साध्वी बहुत से लोगों के निशाने पर आ गयी थीं। प्राची ने भीलवाड़ा में एक समारोह में कहा था, ‘‘पहले हम कहते थे कि हम दो हमारे दो। लेकिन अब कहना शुरू कर दिया है कि ‘शेर का बच्चा एक ही अच्छा’ । यह गलत है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘यदि एक बच्चा है तो आप उसे कहां भेजेंगे? सीमा की रक्षा के लिए, वैज्ञानिक बनाने के लिए, या वह कारोबार देखेगा। इसलिए हमें चार बच्चों की जरूरत है। एक सीमाओं की रक्षा के लिए जा सकता है, एक समाज की सेवा के लिए, एक को संतों को दें और एक को विहिप को राष्ट्र सेवा और संस्कृति की रक्षा के लिए। यह बहुत जरूरी है।’’

जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून की मांग करते हुए साध्वी ने विहिप के ‘घर वापसी’ कार्यक्रम का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा था, ‘‘यदि एक बेटा किसी कारण से गुस्सा होकर घर छोड़कर चला जाए तो क्या उसे लौटने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’

प्राची ने कहा था, ‘‘इसलिए घर वापसी का समर्थन किया जाना चाहिए।’’ इससे पूर्व भाजपा सांसद साक्षी महाराज की भी उनके बयान को लेकर आलोचना हुई थी जिसमें उन्होंने हिंदू महिलाओं से कम से कम चार बच्चे पैदा करने को कहा था।