अमेरिका में गुजराती, और तेलुगु के बाद हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा है। आंकड़ों के अनुसार 1 जुलाई 2018 तक अमेरिका में हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है। अमेरिका में हिन्दी का उपयोग 8.74 लाख लोग करते हैं 2017 के आंकड़ों के मुक़ाबले ये 1.3% ज्यादा है। पिछले आठ सालों में हिन्दी बोलने वालों की संख्या 2.65 लाख बढ़ी है। मतलब पिछले आठ सालों में हिन्दी बोलने वालों में 43.5% का इजाफा हुआ है।
हालांकि, प्रतिशत वृद्धि के संदर्भ में, तेलुगु भाषी व्यक्तियों की संख्या ने अमेरिका में अन्य भारतीय भाषाओं के बोलने वालों को पछाड़ दिया है। ये संख्या 2010 से 2018 के बीच 79.5% बढ़ गई है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो द्वारा हालही में जारी किए गए अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे (एसीएस) के 2018 के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 67.3 मिलियन निवासी, जिनकी आयु पांच वर्ष से अधिक है घर पर अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा बोलते हैं। इन आंकड़ों में मूल रूप से अमेरिका में जन्मे, कानूनी और अवैध प्रवासी शामिल हैं।
अमेरिका में जनसंख्या की हिस्सेदारी के रूप में 21.9% लोग घर पर विदेशी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। जो 2017 के आंकड़ों (21.8%) में मामूली बढ़ोतरी है। एसीएस सर्वेक्षण प्रत्येक वर्ष अमेरिकी सरकार द्वारा सबसे बड़ा उपक्रम है और 2 मिलियन से अधिक परिवारों को शामिल किया गया। 3.75 लाख बंगाली बोलने वाली अमेरिका की आबादी में आठ साल की अवधि में लगभग 68% की वृद्धि हुई है। इसके बाद 1 जुलाई, 2018 तक तमिल बोलने वाले 3.08 लाख लोग हैं जिनमें 67.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हैरानी की बात है कि गुजराती और तेलुगु बोलने वालों की संख्या 2017 और 2018 के बीच थोड़ी कम हुई है। गुजराती बोलने वाले लोगों की संख्या 4.19 लाख है, जो पिछले साल की तुलना में 3.5 प्रतिशत कम है। बता दें कि 1 जुलाई, 2018 तक 4 लाख तेलुगु भाषी लोग अमेरिका में थे। यदि 2018 के आंकड़ों के साथ साल 2010 की तुलना की जाए तो तेलुगु बोलने वालों की संख्या 2.23 लाख से बढ़कर 4 लाख हो गई जो 79.5 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।