कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर अब हाईकोर्ट ने कहा कि जबतक मामला अदालत में पेंडिंग है, कॉलेजों में धार्मिक परिधान पहनने पर पाबंदी रहेगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक में कॉलेज फिर से खुल सकते हैं लेकिन छात्रों को धार्मिक कपड़े पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ, कॉलेज में छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर राज्य सरकार के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा- “हम एक आदेश पारित करेंगे जो कॉलेजों को शुरू करने की अनुमति देगा, लेकिन जब तक मामला यहां लंबित है, तब तक कोई भी छात्र धार्मिक पोशाक पहनकर कॉलेज नहीं आ सकता है। शांति बनाए रखी जानी चाहिए।”
उधर यूपी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि कुछ लोग मुस्लिम महिलाओं को दबाने की कोशिश में जुटे हैं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग भारत में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और विकास को अवरुद्ध करने के नए तरीके खोज रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार न हो यह सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार आवश्यक है।
उन्होंने कहा- “भाजपा सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्त किया। जब मुस्लिम महिलाओं ने खुलकर मोदी सरकार का समर्थन करना शुरू किया, तो विरोधी चिंतित हो गए। लेकिन हम हर मुस्लिम महिला के साथ खड़े हैं”।
वहीं दूसरी ओर हिजाब विवाद पर चिंता जताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि पहले क्या जरूरी है, राष्ट्र या धर्म? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने इस पर खेद व्यक्त किया कि हाल ही में, कुछ ताकतों ने ड्रेस कोड से संबंधित विवाद उठाए हैं और यह है पूरे भारत में फैल रहा है।
एसीजे ने कहा- “वर्तमान मामलों से जो पाया जाता है वह धर्म के नाम पर देश को विभाजित करने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है।” एसीजे ने तिरुचिरापल्ली जिले के श्रीरंगम के रंगराजन नरसिम्हन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।