ओडिशा हाई कोर्ट ने मंगलवार को बहनगा ट्रेन हादसे (Bahanaga train tragedy) में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार तीन अफसरों-कर्मचारियों को सशर्त जमानत दे दी। इस हादसे में करीब 300 लोगों की जान चली गई थी और 1200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 2 जून 2023 में हुए इस त्रासदी के बाद सीबीआई ने इन रेल कर्मचारियों को हिरासत में लिया था।

तीनों को 50,000 का जमानती बांड और दो जमानतदार भी पेश करने होंगे

न्यायमूर्ति आदित्य कुमार महापात्र की एकल पीठ ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महांता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इन तीनों को 50,000 रुपए का जमानती बांड भरने के साथ ही दो स्थानीय जमानतदार भी पेश करने होंगे।

मौजूदा पोस्टिंग उस डिवीजन में नहीं दी जाएगी जहां यह दुर्घटना हुई थी

हाई कोर्ट ने जमानत की कुछ शर्तें भी लगाईं हैं, जिसमें प्रमुख यह है कि इन आरोपियों को रेलवे में उनकी मौजूदा पोस्टिंग उस डिवीजन में नहीं दी जाएगी जहां यह दुर्घटना हुई थी। अन्य शर्तों में यह शामिल है कि आरोपियों को केस की हर सुनवाई पर ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहना होगा, जांच के दौरान जब भी आवश्यकता हो, जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा और किसी भी प्रकार से सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी।

कोर्ट के इस फैसले के बाद तीनों आरोपियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट का यह निर्णय उनपर लगाए गए आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि जमानत का दुरुपयोग न हो और न्याय प्रक्रिया बाधित न हो।

इसके अलावा इन आरोपियों को अपने पते में किसी भी बदलाव की सूचना कोर्ट को देनी होगी और देश छोड़ने के लिए कोर्ट से पूर्व अनुमति लेनी होगी। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इन शर्तों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन हुआ तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।

इधर हाल ही में असम के डिबालोंग स्टेशन रेलवे स्टेशन पर अगरतला – लोकमान्य तिलक टर्मिनस ट्रेन के दो से तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसके पहले भी कुछ हादसे हुए, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए थे।