Pehlu Khan verdict: बारिश और भारी ट्रैफिक में फंसने के कारण, बुधवार शाम इरशाद खान को अलवर अदालत में पहुंचने में देरी हो गई। अदालत पहुंचने पर इरशाद को उनके वकील ने बताया कि उसके पिता पहलु खान की हत्या के सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इरशाद (28) ने कहा कि वह फैसले से “स्तब्ध” था, लेकिन उसने खुद को संभाला, ताकि वह अपनी मां, जयबुना को फोन कर सके। जयबुना मेवात के जयसिंहपुर गांव में परिवार के साथ नवीनतम अपडेट के लिए फोन का इंतजार कर रही थी।
जयबुना ने कहा “मैं इरशाद के जाने के बाद से अपने फोन के पास बैठी थी, यह सुनने के लिए इंतज़ार कर रही थी कि अदालत में क्या हुआ। जब उसने आखिरकार मुझे फोन किया और मुझे बताया कि सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है, तो मुझे दिल टूट गया। मैं गदगद महसूस करने लगी और लेट गई।” उन्होंने आगे कहा “फैसले की घोषणा के बाद से हम सभी बहुत परेशान हैं। अदालत एकमात्र ऐसी जगह थी जहां हमें लगा कि हमें न्याय मिल सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।”
1 अप्रैल, 2017 को, एक अन्य फोन कॉल ने जयबुना के जीवन को बदल दिया था। तब यह उसके पति और बच्चों पर हमले की खबर थी। पेहलू खान, उनके दो बेटों और साथ यात्रा करने वाले दो साथियों पर मवेशियों को ले जाते समय अलवर के बेहरा क्षेत्र में गौरक्षकों द्वारा हमला किया गया था। इस घटना को कैमरे में कैद किया गया और खान को अस्पताल ले जाया गया। दो दिन बाद, खान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया लेकिन मरते हुए छह लोगों को अपने हमलावरों के रूप में नामित किया। कुछ हफ्तों के बाद राजस्थान पुलिस ने उन सभी छह आरोपियों के खिलाफ मामला बंद कर दिया। उनके बदले सितंबर 2017 में तीन नाबालिगों सहित नौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया। कोर्ट ने पहलु द्वारा नामित किए गए सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने उन्हें संदेह का लाभ दिया और “घोर लापरवाही” और “गंभीर कमियों” के लिए पुलिस को फटकार लगाई।
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पहलु खान के एक मंजिला घर में छह बच्चे, उनकी दो पत्नियां और उनके तीन पोते रहते हैं। इरशाद ने कहा “न्याय को लेकर अभी परिवार की उम्मीदें ख़त्म नहीं हुई हैं। जब तक हमारे शरीर में सांस है, हम इस न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो हम उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे, लेकिन हम तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक हमारे पिता को मारने वाले लोगों को दंडित नहीं किया जाता है।”