चीन में बच्चों में ‘रहस्यमयी निमोनिया’ का कहर देख भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से अलर्ट हो गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी सलाह में ऐहतियात बरतने को कहा है। इसमें कहा गया है कि सभी राज्य अपने सांस संबंधी बीमारियों से बचाव को लेकर तैयारियों के उपायों की समीक्षा करें।
जिला स्तर पर नजदीकी से नजर रखने की सलाह
सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ‘कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए ऑपरेशनल डॉयरेक्शन’ लागू करें। जिला और राज्य निगरानी कमेटी आईएलआई/ एसएआरआई (ILI/SARI) के रुझानों की नजदीकी से निगरानी करें। श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एसएआरएस-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) जैसे सामान्य कारणों से होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- सरकार जरूरी कदम उठा रही है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि चीन में विशेषकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने मेहसाणा में कहा, “सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत चीन में मौजूदा इन्फ्लूएंजा की स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। मंत्रालय ने कहा वह चीन में बच्चों में एच9एन2 के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारी की निगरानी कर रहा है।
हालांकि वैश्विक चिंताओं के बीच चीन ने दावा किया है कि कोई असामान्य बात नहीं है और न ही कोई नई बीमारी है। देश के दक्षिणी और उत्तरी राज्यों में रहने वाले लोगों, विशेषकर बच्चों में, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के बढ़ते मामलों पर चिंता करने की जरूरत नहीं है।