केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज अपने पांचवें संडे संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। संडे संवाद कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्री लोगों के सवालों के जवाब देते हैं और स्वास्थ्य से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने चेताते हुए कहा कि त्योहारों के मौसम में अगर लोगों ने लापरवाही की और कोरोना से बचाव के उपाय नहीं अपनाए तो यह माहमारी देश में और भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकती है।
दरअसल कार्यक्रम दौरान एक दर्शक ने सवाल पूछा कि देश में त्योहारों का मौसम करीब है। सरकार की तरफ से इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं लेकिन क्या लोग इनका गंभीरता से पालन करेंगे? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि त्योहारों के मौसम में कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा है। अगर लोग सावधानी नहीं बरतेंगे तो हालात बिगड़ सकते हैं और हम सब के लिए बड़ी परेशानी की वजह बन सकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने मास्क पहनने और दो गज की दूरी को जरुरी बताया।
स्वास्थ्य मंत्री ने त्योहारों के दौरान लोगों से मेक इन इंडिया प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की अपील की। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोई भी धर्म ये नहीं कहता कि किसी की जान को खतरे में डालकर पूजा की जाए या बड़े-बड़े पूजा पंडालों में ही पूजा करें। सभी लोग अपने परिवार के साथ त्योहार मनाएं।
संडे संवाद कार्यक्रम में एक दर्शक ने कोरोना के आयुर्वेदिक इलाज को लेकर सवाल पूछा तो स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण में आयुर्वेद इलाज की अहमियत सिद्ध हुई है। रिसर्च में भी पता चला है कि कई दवाईयां से व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ सकती है।
एक अन्य यूजर ने सवाल पूछा कि स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना से ठीक होने के बाद रोजाना च्यवनप्राश लेने की सलाह देता है, जबकि इनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है तो फिर ये कैसे किसी के लिए हेल्दी हो सकते हैं? इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि च्यवनप्राश लंबे समय से लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है। वैज्ञानिक रिसर्च में भी पता चला है कि इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और खासकर श्वसन प्रणाली की समस्या दूर होती है और कई तरह के इंफेक्शन में भी फायदेमंद है। च्यवनप्राश से एंटी ऑक्सीडेंट भी मिलते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। बाजार में शुगर फ्री वर्जन भी मौजूद हैं तो लोग उनका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।